पुनर्जागरण कालीन कला Renaissance Art

पुनर्जागरण कालीन कला Renaissance Art

1300/1350 ई0 – 1520/1530 ई0 तक

 

रिनेसा अर्थात पुनर्जन्म शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम जियोर्जियों वसारी (1511-1574 ई0 ) ने 1550 ई0 की लिखित अपनी कलाकारो की जीवनी से संबन्धित पुस्तक लाइव्स ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट पेंटर्स स्कल्पचर एंड आर्किटेक्ट्स मे किया ।

प्राचीन शास्त्रीय कला के प्रति पुनरुत्थान के कलाकारो की नवीन व्याख्या भावना थी ।

पुनरुत्थान 14वीं से 16वीं सदी के मध्य इटली तथा अन्य देशो की कला मे जो नवजागरण हुआ उसे पुनरुत्थान कहते है ।

पुनरुत्थान कला का केंद्र इटली था ।

मानवतावाद पुनरुत्थान कला शैली मानवीयता पर आधारित है ।

 

पुनर्जागरण का प्रारम्भ इटली के फ्लोरेन्स (आधुनिक टस्कनी क्षेत्र ) से जिओत्तों की कला से माना जाता है ।

 

जिओत्तों एक ओर गोथिक कला का अंतिम कलाकार था तो वही दूसरी ओर पुनरुत्थान कला का आरंभ कर्ता । हालांकि कुछ कला इतिहासकर सीमाबुए नामक चित्रकार से इटालियन पुनरुत्थान का आरंभ मानते है ।

14वीं से 16वीं शताब्दी के मध्य इटली की कला मे पुनरुत्थान की लहर जो चली वह धीरे-धीरे पश्चिमी यूरोप के अन्य देशो नीदरलैंड,स्पेन,फ्रांस तथा जर्मनी मे भी फ़ेल गई ।

प्राचीन कला के अध्ययन तर्क ओर स्वतंत्र चिंतन मे विश्वास इसका मूल आधार था ।

धार्मिक विषयो को मानवीय दृष्टि से अंकित किया गया तथा मनुष्य को इस कला का केंद्र बनाया गया इस कारण पुनरुत्थान को मानवता की कुंजी कहा गया।

15वीं शताब्दी के आरंभ मे यह प्रवृत्ति बहुत बलवती हो गई ओर मसाच्चियों इसका अगुआ बना ।

1400 से 1499ई0 की अवधि के दौरान इटली की सांस्कृतिक एवं कलात्मक घटनाओ को सामूहिक रूप से क्वाट्रोसेंटो कहा जाता है ।

पियरों डेला फ्रान्सेस्का प्रारम्भिक पुनर्जागरण युग का एक इटालियन चित्रकार था ।

पियरों डेला फ्रान्सेस्का मसीह का ध्वज (1455-1460 ई0 )  को चित्रित किया था ।

वास्तुकला मे रेखीय परिप्रेक्षय की शुरुआत करने वाला इतालवी वास्तुकार एवं डिजाइनर फिलिप्पों ब्रुनालेसी (1377-1446 ई0 )

वीनस का जन्म बोत्तिचेल्ली पुनरुत्थान चित्रकार की कृति है ।

सैंड्रो बोत्तिचेल्ली की एक पेंटिंग यंग मैन होल्डिंग राउंडेल (1480,पोपलर काष्ठ पर टेम्परा ) 28 जनवरी 2021 को सोथवी द्वार न्यूयॉर्क  मे एक नीलामी मे 92 मिलियन डॉलर (करीब 67 अरब रुपये ) मे बिकी ।

पैरेगन ग्रंथ लियोनार्डो द विंची के द्वारा रचित है ।

उच्च पुनर्जागरण काल के चित्रकार का नाम रैफेल था ।

 

पुनरुत्थान की कला उच्च आदर्शवादी शास्त्रीय पूर्णता से युक्त थी रेखांकन संयोजन तथा रंग सभी मे पूर्णता थी इस युग मे सौंदर्य ओर पूर्णता को सत्य से मिलकर देखा गया ।

इसी युग मे इटली के महान कवि दांते अलीघीरी (1260-1321 ई0 ) हुए । दांते ने टस्कन भाषा मे डिवाइन कॉमेडी नामक काव्य लिखा । उनकी एक अन्य प्रसिद्ध रचना ऑन मोनार्की है।

इटली के ही निवासी रहे पेट्राक (1304-1374 ई0 ) को पुनर्जागरण काल मे मानववाद का संस्थापक माना जाता है ।

आधुनिक विश्व का प्रथम राजनीतिक चिंतक,फ्लोरेन्स निवासी मैकियावेली (1469-1527 ई0 )हुआ जिसकी प्रसिद्ध पुस्तक द प्रिंस (1532 ई0 ) है ।

इसी समय इंग्लैंड के विलियम शेक्सपियर (1564-1616 ई0 )ने अपनी कमर कृति रोमियो एंड जूलियट (1591-1595 ) लिखी । द मर्चेन्ट ऑफ वेनिस (1596-1599 ) शेक्सपियर की एक अन्य प्रसिद्ध रचना है जो कि रोमांटिक कॉमेडी पर आधारित है ।

 

पुनर्जागरण काल की बनी पेंटिंग द स्कूल ऑफ एथेंस (चित्रकार रैफेल ) फ़्रेस्को माध्यम मे बनाई गई है ।

 

 

माइकेल एंजिलों

माइकेल एंजिलों पुनर्जागरण समय  मे हुए ।

माइकेल एंजिलों का जन्म 6 मार्च 1475 ई0 को इटली के कैपरेस मे हुआ था ।

माइकेल एंजिलों चित्रकार ओर मूर्तिकार दोनों था ।

जूलियानों मकबरा माइकेल एंजिलों की कृति है ।

फ्लोरेन्स के शिल्पी संघ ने बेप्टिस्ट्री के कांस्य द्वारो के लिए प्रतियोगिता 1401 ई0 मे आयोजित की थी ।

माइकेल एंजिलों की नारी आकृतियो मे पुरुषत्व विशेषता मिलती है ।

माइकेल एंजिलों द्वारा निर्मित पिएटा (1498 -1499 ई0 ) की प्रसिद्ध मूर्ति वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स बेसिलिका मे है ।

रोंदनिनि पिएटा (1552-1564 ई0 संगमरमर 195 सेमी0 ऊंची संग्रह कैस्टेल्लो स्फोर्जेस्को , मिलन ) नामक मूर्ति को माइकेल एंजिलों ने बनाया था ।

माइकेल एंजिलों द्वारा निर्मित मूर्ति डेविड (1502-1504 ई0 के बीच ) का माध्यम करारा मार्बल है ।

माइकेल एंजिलों द्वारा निर्मित डेविड की कुल ऊंचाई 17 फिट (5.17 मी0 )है ।

माइकेल एंजिलों की डेविड मूर्ति एकेडमी ऑफ फाइन आर्टस फ्लोरेन्स मे है ।

पाप जूलियस द्वितीय का मकबरा माइकेल एंजिलों ने बनाया था ।

इतालवी उच्च पुनर्जागरण कलाकार माइकेल एंजिलों बुआनारोट्टी की संगमरमर मूर्ति मोसेस (1513-1515 ई0 ) वर्तमान मे सैन पीएत्रों इन विंकोली रोम (इटली ) मे सुरक्षित है ।

वर्ष 1513 से 1516 ई0 के मध्य संगमरमर की 2.15 मी0 (7.4 )ऊंची माइकेल एंजिलों द्वारा निर्मित मूर्ति मरते हुए दास लुब्र पेरिस मे सुरक्षित है ।

एगनी एंड इक्सटेसी (1965 ई0 ) फिल्म माइकेल एंजिलों की कहानी है ।

पुनरुत्थान काल मे इटली के दोनातेल्लों ने मूर्ति शिल्पी ने कॉपर स्मेल्टिंग प्रासेज से ढलाई की थी ।

डेविड के मूर्तिकार दोनातेल्लों (परंतु माइकेल एंजिलों की डेविड मूर्ति सर्वाधिक प्रसिद्ध ) है

बालो के चित्रण के लिए ड्यूरर कलाकार विशेष प्रसिद्ध था ।

 

द ग्रेट ट्रीफल कार ड्यूरर की कृति है ।

लब्ज ऑफ जुपीटर कैरावेज्जियों चित्रकार की रचना है ।

सेक्रेड एंड प्रोफेन लव टीशियन ने चित्रित किया ।

टीशियन द्वारा चित्रित सेक्रेड एंड प्रोफेन लव बर्घेस गैलरी, रोम

सिस्टाइन चैपल (वेटिकन सिटी ) पर 1505-1512 ई0 के मध्य बनाए गए फ्रेस्को भित्ति चित्र माइकेल एंजिलों कलाकार के है ।

रैफेल द्वारा चित्रित सिस्टाइन मैडोना वेदी चित्र है ।

यूरोप की कला मे रैफेल कलाकार को डिवाइन पेंटर कहा जाता है ।

उच्च पुनर्जागरण काल के चित्रकार का नाम रैफेल है ।

उत्तर पुनरुत्थान काल मे वेनिस का रैफेल पाओलो वेरोनीज़ कलाकार को कहा जाता है ।

शैलखंडो की कुमारी लियोनार्डो द विंची की कृति है ।

द वर्जिन ऑफ द रोक्स नामक दो मौलिक संस्करण जिसके चित्रकार लियोनार्डो है वर्तमान मे लुब्र संग्रहालय पेरिस तथा नेशनल गैलरी लंदन दोनों जगह सुरक्षित है ।

प्रसिद्ध जर्मन प्रिंटमेकर ड्यूरर द्वारा निर्मित द लाइफ ऑफ वर्जिन (19 चित्रो की शृंखला ) वूडकट है ।

द एडोरेशन ऑफ मगी (लकड़ी पर तैल चित्र ) लियोनार्डो द विंची आरंभिक चित्र है ।

अंतिम भोज (द लास्ट सपर ) लियोनार्डो द विंची चित्रकार की रचना है ।

इतालवी चित्रकार लियोनार्डो द विंची द्वारा बनाई गई प्रसिद्ध पेंटिंग द लास्ट सपर (15 वीं शताब्दी की )मिलान शहर के सांता मारिया डेल ग्राजी चर्च मे  है ।

बड़ा भाग्य (nemesis) अल्बर्ट ड्यूरर की कृति है ।

तैल चित्रण का आविष्कार फ्लीमिश कलाकार जॉन वॉन आइक तथा हयूबर्ट वॉन आइक ने किया ।

जॉन वॉन आइक का सबसे प्रसिद्ध चित्र दि अर्नोलफ़िनी पोट्रेट (1934 ई0 ऑयल ऑन ओक संग्रह नेशनल गॅलरी लंदन ) परिणय शपथ  का प्रतिनिधित्व करता है ।

पुनरुत्थान काल का फ्रा एंजेलिकों  कलाकार जो ईसा की सूली का चित्र बनाते समय निरंतर रोता ही रहता था।

वेनिस की कला मे तैल माध्यम को प्रचारित करने वाल चित्रकार एंतोनेल्लो द मस्सीना था ।

छाया प्रकाश का प्रयोग करते हुए काष्ठ मुद्रण करने वाला पुनरुत्थान कालीन प्रथम चित्रकार पार्मीजिआनीनों था ।

मृत्यु का नाच तथा मृत्यु का क-ख शीर्षक से चित्रमालाओ को हांस होलबीन कनिष्ठ ने तैयार किया ।

रिनेसा  चित्रकार ड्यूरर  छापाकार भी था

अलब्रेख्ट  ड्यूरर के सबसे प्रसिद्ध काष्ठ उत्कीर्णनों की शृंखला का  नाम एपोकेलिप्स है ।

ड्यूरर को श्रेष्ठ रंग साज गुलाब के हारो वाली मैडोना तथा चिकित्सको के मध्य ईसा ।

आदम हव्वा के चित्रो मे अल्लहड़ नव युवती के समान हव्वा का  अंकन लूका क्रेनेख जर्मन चित्रकार ने किया ।

कला के विज्ञान का सम्राट पिएरा देला फ्रान्सेस्का कलाकार को कहा जाता है ।

नारी जाति की रहस्यमई पहेली मोनालिसा को कहा जाता है । प्रसिद्ध चित्र मोनालिसा इटली देश के कलाकार की कृति है ।

मोनालिसा म्युसी द लुव्र पेरिस (फ्रांस ) मे संग्रहीत है ।

मोनालिसा चित्र की पृष्ठभूमि मे दृश्य चित्र दर्शाया गया है ।

लियोनार्डो द विंची का  जन्म 1452 ई0 मे  हुआ था ।

लियोनार्डो द विंची के शिक्षक वेरोशियों थे ।

लियोनार्डो द विंची का सर्वप्रथम उत्कृष्ट चित्र वर्जिन ओफ द रोक्स है ।

लियोनार्डो द विंची पुनर्जागरण कालीन चित्रकार ने विटूवियन फार्म का आविष्कार किया था ।

लियोनार्डो द विंची ने चित्रकला की अपनी तकनीक मे रेखाओ को धुंधला किया है ।

होली फैमिली पेंटिंग का चित्रकार माइकेल एंजिलों है ।

द लास्ट जजमेंट के चित्रकार का नाम माइकेल एंजिलों है ।

एंटोम्बमेंट (1502 ई0 टेम्परा ऑन पैनल माध्यम ) माइकेल एंजिलों का चित्र है ।

वेटिकन सिटी के सिस्टाइन चैपल की छत पर आदम की उत्पत्ति नामक फ्रेस्को भित्ति चित्र माइकेल एंजिलों ने बनाया है ।

लीडा ओर हंस तथा मैडोना व शिशु ईसा लियोनार्डो द विंची का रंगीन चित्र है ।

वैपटिज्म ऑफ क्राइस्ट ऑयल पेंटिंग को इंडिया डेल वेरोशियों तथा लियोनार्डो द विंची ने मिलकर बनाया था ।  कालक्रमानुसार सही क्रम मे चित्रो का चयन –

वैपटिज्म ऑफ क्राइस्ट (1475 ई0 )  द एडोरेशन ऑफ मेजाई (1481 ई0 ), द लास्ट सपर (1495-98 ई0 ) , मोनालिसा (1503-1506 ई0 )

 

फ्लोरेन्स Florence

इटली के फ्लोरेन्स मे अनेक कलाकार अंतिम गोथिक शैली से संतुष्ट नहीं थे । उन्होने कला मे परिवर्तन किया। बनावटी संयम एवं सुरुचि के स्थान पर वे भावाभिव्यक्ति को अधिक महत्व देने लगे ।

कलाकारो ने प्राचीन कला के बजाय अपने पूर्ववर्ती टस्कन मूर्तिकार जिओवान्नी पिसानों से प्रेरणा ली। लगभग यही प्रवृत्ति कुछ समय पश्चात फ्लोरेंटाइन कला मे मिलती है जब मसाच्चियों ने अपनी शैली के निर्माण मे जिओत्तों से प्रेरणा ली।

फ्लोरेन्स के चित्रकार रंगो की अपेक्षा रेखांकन मे अधिक कुशल थे उन्होने फ्रेस्को पद्धति से भित्तियो पर चित्रण किया।

पुनरुत्थान काल की कला को मुख्यतः दो भागो मे बांटा गया है ।

आरंभिक पुनरुत्थान कालीन कला (Early Renaissance Art )

1320/30 ई0 – 1500 ई0 तक

उच्च अथवा चरम पुनरुत्थान कालीन कला (High  Renaissance Art)

(1500 ई0 – 1527/30  ई0 तक )

 

 

 आरंभिक पुनरुत्थान कालीन कला (Early Renaissance Art )

1320/30 ई0 – 1500 ई0 तक

14वीं से 15वीं शताब्दी के मध्य फ्लोरेन्स (इटली) मे पुनरुत्थान कला का आरंभिक काल था ।

13वीं शती के उत्तरार्ध मे पुनर्जागृति सर्वप्रथम मूर्तिकला से शुरू हुई तत्पश्चात चित्रकला ।

इस समय फ्लोरेन्स के प्रसिद्ध कलाकारो मे मसाच्चियों लोरेंजों घिबर्ती, पिएरा डेला फ्रांसिस्का, दोनातेल्लों, फ्रा एंजेलिकों , पाओलो उच्चेलों, सैंड्रो बोट्टीसेल्ली वेरोच्चियों , माइकेल एंजिलों  इत्यादि थे ।

 

 

मसाच्चियों  1401-1428 ई0

फ्लोरेन्स का सर्वप्रथम उल्लेखनीय चित्रकार  मसाच्चियों था ।

मसाच्चियों को चित्रकला मे रेखीय परिप्रेक्ष्य का आरंभकर्ता माना जाता है उसने पर्सपेक्टिव एवं वास्तविक प्राकृतिक दृश्यो को अपने चित्रो मे उतारने का प्रयास किया।

मसाच्चियों, जिओत्तों तथा ब्रूनालेसी (स्थापत्यकार मूर्तिकार तथा मैकेनिकल इंजीनियर जो की स्थापत्य मे  रेखीय परिप्रेक्ष्य के विकास के लिए जाना जाता है) की कला से बहुत प्रभावित था ।

1426 ई0 के मध्य मे ब्रूनालेसी के परिप्रेक्ष्य पर आधारित मसाच्चियों ने अपना प्रथम विशाल भित्ति चित्र द होली ट्रिनिटी (फ्रेस्को ) का निर्माण सांता मारिया नोवेला गिरजाघर (फ्लोरेन्स) के लिए किया ।

मसाच्चियों ने वर्ष 1424 ई0 मे सांता मारिया डेल करमाइन फ्लोरेन्स के ब्रांकेसिया चैपल मे अपना सर्वश्रेष्ठ भित्ति चित्र फ्रेस्को द ट्रिब्यूट मनी निर्मित किया । यह भित्ति चित्र सेंट पीटर के जीवन से संबन्धित एक घटना को दर्शाता है, जिसमे इशु पीटर को मंदिर के कर का भुगतान करने के लिए मछली के  मुंह से सिक्का एकत्रित करने का निर्देश देते है । इस चित्र मे चित्रित दृश्य उस विषय का वर्णन करता है, जिसमे कर संग्राहक ईसा से प्रवेश शुल्क मांग रहा है । इस चित्र का महत्व रेखीय परिप्रेक्ष्य ओर चियरास्क्युरों के अद्भुत प्रयोग के कारण है । इस चित्र को तीन भागो (एपिसोड्स) मे बांटा गया है ।

 

मसाच्चियों के दो अन्य चित्र भी विशेष प्रसिद्ध है । इनमे से एक वह बहुफलकीय चित्र है । जो 1426 ई0 मे पीसा के सांता मारिया डेल कारमाइन चर्च हेतु अंकित किया था । इस चित्र का एक अंश मैडोना एंड चाइल्ड लंदन के राष्ट्रिय दीर्घा मे सुरक्षित है जो कि काफी क्षतिग्रस्त स्थिति मे है । दूसरा चित्र भी फ्लोरेन्स के कारमाइन चर्च मे ही अंकित आदम ओर हव्वा के स्वर्ग से निष्कासन का है ।

1428 ई0 मे मात्र 28 वर्ष की अल्पायु मे उसकी मृत्यु हो गई तथापि वह बहुत प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका था ।

मसाच्चियों ही प्रथम चित्रकार था जिसने प्राचीन ग्रीस ओर रोम की इमारतों को प्रष्ठभूमि मे दर्शाना शुरू किया था ।

उसके अन्य महत्वपूर्ण चित्रो मे सान जीवोवेनेले ट्रिप्टिच (1422 ई0) वर्जिन एंड चाइल्ड विद सेंट एन्ने (1424 ई0 उफीजी ), ईडन गार्डेन से निष्कासन (1925 ई0 , फ्रेस्को ), वर्जिन मैरी विद स्यूडो अरेबिक हालो (1426 ई0 )इत्यादि है ।

 

चरम पुनरुत्थान कालीन कला High Renaissance Art

1500-1527/30 ई0 तक

सोलहवी शताब्दी मे फ्लोरेन्स मे पुनरुत्थान कला का चरमोत्कर्ष काल था ।

इस समय इटली के तीन  कलाकार काफी प्रसिद्ध थे  – लियोनार्डो द विंची, माइकेल एंजिलों तथा रैफेल

 

 

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