रैफेल सैंजिओ
रैफेल जन्म इटली के ऊर्बिनो मे 28 मार्च 1483 ई0 को हुआ था । उसके पिता जियावात्री सांती ड्यूक के कोर्ट पेंटर थे ।
रैफेल चरम पुनरुत्थान के तीनों प्रमुख कलाकारो मे सबसे छोटा था तथा फ्लोरेंस का तीसरा महान कलाकार था ।
उच्च पुनर्जागरण काल के तीनों कलाकारो मे सबसे छोटा कलाकार रैफेल था ।
रैफेल के गुरु पेरूजिनों थे ।
रैफेल का वास्तविक नाम जॉन रैफेल था ।
रैफेल का सबसे प्रसिद्ध चित्र मैडोना है ।
1500 ई0 मे वह पेरूजिनों के यंहा कार्य सीखने लगा । संभवतः इसी समय 17 वर्ष की उम्र मे उसने सैनिक का स्वप्न (the Knight’s ) नामक चित्र की रचना की । वर्तमान मे यह चित्र नेशनल गैलरी (लंदन ) मे सुरक्षित है ।
रैफेल द्वारा लीडा ओर हंस का एक रेखाचित्र उपलब्ध है । यह चित्र वर्तमान मे रॉयल संग्रह , ब्रिटेन मे सुरक्षित है ।
रैफेल ने माइकेल एंजिलों के स्नानार्थी (bathers ) की अनुकृति का रेखा चित्र भी बनाया ।
1504 ई0 मे रैफेल ने oil on roundheaded panel माध्यम मे द मैरिज ऑफ वर्जिन (the marriage of the virjin ) चित्र पूर्ण किया । जो वर्तमान मे ब्रेरा आर्ट गैलरी , मिलान (इटली ) मे सुरक्षित है ।
रैफेल के घूँघट वाली महिला नामक चित्र मोनालिसा से प्रभावित है ।
रैफेल ने कुमारी मरियम के 15 चित्र बनाए थे ।
रैफेल की कृति सैनिक का स्वप्न नेशनल गैलरी लंदन मे सुरक्षित है ।
रैफेल ने लियोनार्डो के लीडा ओर हंस चित्र का रेखांकित बनाया था ।
डिवाइन पेंटर रैफेल को कहा जाता है ।
वेनिस का रैफेल वेरोनीज़ को कहा जाता है ।
रैफेल ने पॉप जूलियस द्वितीय तथा लियो दशम के लिए भित्ति चित्र 1509-1512 रैफेल सेंट पीटर गिरजाघर का प्रमुख वास्तु शिल्पी 1514 ई को बना था ।
रैफेल ने ईसा का दिव्य शरीर धारण करना नामक चित्र 1517 ई0 मे बनाना शुरू किया ।
1509 से 1511 ई0 मे मध्य रैफेल ने अपना सर्वश्रेस्ठ भित्ति चित्र एथेंस का स्कूल बनाया था । इस चित्र मे प्लेटो तथा अरस्तू को वार्तालाप करते हुए तथा स्कूल से बाहर आते हुए दिखाया गया है । फ्रेस्को माध्यम मे 500 सेमी0 * 700 सेमी0 (200 इंच * 300 इंच ) आकार का बना यह चित्र वर्तमान मे अपोस्टोलिक पैलेस , वेटिकन सिटी (इटली ) मे सुरक्षित है ।
1505 ई0 मे रैफेल ने मैडोना तथा शिशु का चित्रण किया ।
अपनी अनुपम चित्रकारी के लिए रैफेल को डिवाइन पेंटर कहा जाता है ।
रैफेल ने अपने चित्रो मे वास्तविक आध्यात्मिकता को प्रकट किया है ।
रैफेल के शिष्य जुलियों रोमानों ने ईसा का दिव्य शरीर धारण करना चित्र पूर्ण किया था ।
रैफेल चित्रकार को समूह संयोजन का आचार्य माना जाता है ।
रैफेल की सर्वाधिक प्रसिद्धि मैडोना के चित्र से है ।
मात्र 37 वर्ष की आयु मे 6 अप्रैल 1520 ई0 को इस महान कलाकार की मृत्यु हो गई ।
रैफेल के प्रसिद्ध चित्र –
- सैनिक का स्वप्न the knights dream
- सिस्टाइन मैडोना Sistine Madonna
- एथेंस का स्कूल school of Athens
- मैडोना तथा शिशु Madonna and child
- ईसा का दिव्य शरीर धारण करना the transfiguration
- लीडा ओर हंस lida and swan
- द मैरिज ऑफ द वर्जिन the marriage of virgin
- वर्जिन का राज्याभिषेक (1502-03 ई0 , वेटिकन म्यूजियम )
- मैडोना ऑफ द पिंक्स (1506-07 ई0 , ऑयल ऑन फ्रूटवूड , संग्रह नेशनल गैलरी लंदन )
- द पेनसस (फ्रेस्को , 1509-11 ई0 ), एपोस्टोलिक पैलेस , वेटिकन सिटी
- घूँघट वाली महिला
- कार्डिनल
- एथेंस की विचारधारा
- हेलियोडोरस का निष्कासन (वेटिकन के महल मे )
- बाल्थाजार कास्तिल्योनों (लुब्र संग्रहालय पेरिस )
- सेंट पीटर का उद्धार
इन्हे भी पढे –
- आरंभिक ईसाई कला (Early Christian Art )
- बाइंजेंटाइन कला Byzantine Art
- गोथिक कला Gothic Art
- रोमनस्क शैली Romanesque Art
- पुनर्जागरण कालीन कला Renaissance Art
- लियोनार्डो द विंची
- माइकेल एंजिलों Michel angelo
- रैफेल सैंजिओ
- आरंभिक पुनरुत्थान कालीन कला Early Renaissance Art
- बरोक तथा रोकोको कला
- चरम पुनरुत्थान कालीन कला (High Renaissance Art)
- नवशास्त्रीयतावाद (Neo-Classicism )
- स्वच्छंदतावाद / रोमांसवाद Romanticism
- जोसेफ मेलार्ड विलियम टर्नर
- ब्रिटिश व्यक्ति-चित्रण एवं दृश्य-चित्रण
- बार्बिजा स्कूल , प्राकरैफेलवाद
- जॉन कांस्टेबल John Constable
- यथार्थवाद Realism