उत्तर प्रभाववाद post-impressionism

उत्तर प्रभाववाद post-impressionism

उत्तर प्रभाववाद मे तीन प्रमुख चित्रकार है ।

  • पाल सेजान, विन्सेट वानगो, पाल गोगिन

 

पाल सेजान

  • पाल सेजान 1839-1906 पाल सेजान को उत्तर प्रभाववाद का जनक कहा जाता है ।
  • पुनर्जागरण काल के बाद सेजान की कला सबसे क्रांतिकारी सिद्ध हुई ।
  • उत्तर प्रभाववाद शब्द का प्रयोग सबसे पहले 1906 मे कला आलोचक रोजर फ्राई ने किया।
  • पाल सेजान को आधुनिक कला का पिता कहा जाता है एक समीक्षक ने पाल सेजान को पिस्तोल चित्रकार कह कर निंदा की ।
  • प्रभाववाद से असंतुष्ट होकर कुछ चित्रकारों जिनमे सेजान , वानगो, गोगिन प्रमुख थे , इत्यादि ने अभिव्यक्ति की नई शैली की खोज की जिसको कला के इतिहास मे उत्तर प्रभाववाद कहा गया ।
  • उत्तर प्रभाववाद कलाकारो मे सेजान की कला से घनवाद, वानगो की कला से अभिव्यंजनावाद तथा गोगिन की कला से फाववाद का जन्म हुआ।
  • प्रभाववाद ओर उत्तर प्रभाववाद मे मुख्य अंतर यह था की प्रभाववाद की प्रधान प्रेरणा दृश्यजगत का सन्द्रिय अनुभव था जबकी उत्तर प्रभाववाद की प्रमुख प्रेरणाए आंतरिक भावनाए व तर्क शुद्ध विश्लेषण थी ।

 

  • सेजान का चित्र गार्दान का दृश्य ज्यामिती पर आधारित है ।
  • जिस प्रकार यूरोप मे जिओत्तों को आधुनिक युग का सूत्रपात करने वाला माना जाता है उसी प्रकार सेजान को भी आधुनिक कला का प्रणेता कहा जाता है ।
  • “मै एक नई कला का आदि प्रणेता(प्रीमिटिव) हूँ” . यह कथन सेजान का है
  • सेजान के प्रेरणा से घनवाद का जन्म हुआ ।
  • “रंग परिप्रेक्ष्य है” (कलर इज पर्सपेक्टिव) यह कथन सेजान का है।

 

पाल सेजान के प्रमुख चित्र

  1. काली घड़ी
  2. स्नान मग्न युवतिया
  3. ताश खेलने वाले
  4. चाचा दोमनिक के पिता का व्यक्ति चित्र
  5. गार्दान का चित्र
  6. फांसी दिये हुए व्यक्ति का मकान
  7. लाल जैकेट पहने हुए लड़का
  8. बीड़ी सिगरेट पीने वाला

 

विन्सेट वानगो

  • विन्सेट वानगो का जन्म 30 मार्च 1853 ईस्वी मे हालैण्ड के ग्रूट ज्युंडर्ट नामक ग्राम मे हुआ था ।
  • वानगो कोयले या क्रियान से रेखांकन करते व भूरे काले एवं गहरे रंगो का अधिक प्रयोग करते थे ।
  • अभिव्यंजनावाद का सूत्रपात वान गोग ने किया था ।
  • वानगों मालवीय जीवन के सत्य के दर्शन को ही कला मानते थे ।
  • वानगो का जीवन एक दुखी जीवन की आदर्श कहानी थी ।
  • डॉ गैचेट का चित्र वानगो ने बनाया था ।
  • “तुम्हारा विन्सेट” नाटक के निर्देशक डॉ सत्यव्रत राऊत है।
  • “फील्ड ऑफ आयरिस” नामक चित्र 1988 ई0 मे इक्कीस करोड़ तेईस लाख साठ हजार मे बिका था ।
  • 1885 मे तैल रंग से कैनवास पर निर्मित वाँ गोग संग्रहालय, एम्स्टर्डम मे सुरक्षित “पोटैटो ईटर्स” नामक चित्र वान गोग का है।
  • वान गोग ने ब्लेड से अपना कान काटकर अपनी प्रेमिका रशेल जो एक वेश्या थी को उपहार मे दे दिया था ।
  • सूर्यमुखी का फूल चित्र नेशनल गॅलरी लंदन मे सुरक्षित है ।
  • इविंग स्टोन वानगो को बहुत मानते थे वे उनसे प्रेरणा लेते थे ।

 

वानगो के प्रमुख चित्र

  1. सूरजमुखी का फूल
  2. तारो भरी रात
  3. सरो वृक्षो कद मार्ग
  4. घाटी
  5. दुख
  6. लाल
  7. अंगूरी
  8. आलू भक्षी / पोटैटो ईटर
  9. सनसेट
  10. गोंग्वा की कुर्सी
  11. शयन कक्ष

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पाल गोगिन

  • पाल गोगिन का जन्म 7 जून 1848 ई0 को पेरिस(फ्रांस ) मे हुआ था ।
  • उत्तर प्रभाववादी चित्रकारों मे सर्वप्रथम गोगिन ने प्रतिकवादी चित्र बनाना आरंभ किया ।
  • सोमरसेट मौघम द्वारा लिखित उपन्यास द मून एंड सिकस्पेस पाल गोगिन के जीवन पर आधारित है ।

 

  • फाववाद का सूत्रपात पाल गोगिन ने किया था।
  • “हम कहाँ से आते है? हम क्या है? हम कहाँ जा रहे है?” शीर्षक से प्रसिद्ध चित्र पाल गोगिन का है ।

 

पाल गोगिन के चित्र

  1. आलिव के बगीचे मे ईसा
  2. पीला ईसा
  3. रखवाला मृतात्मा
  4. चंद्रमा व पृथ्वी
  5. ताबीज
  6. मेटरनीटी
  7. ताहिती चारागाह
  8. फल लिए महिला

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