बार्बिजा स्कूल , यथार्थवाद एवं प्राकरैफेलवाद

बार्बिजा स्कूल , यथार्थवाद एवं प्राकरैफेलवाद

(Barbizon School, Realism and Pre-Raphaelitism )

19 वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध चित्रकारों का एक दल पेरिस के निकट फोंतेनब्लो नामक जंगल के पास बार्बिजा नामक गाँव मे दृश्य चित्रण के उद्देश्य से पहुंचा । उनमे तेओदोर रूसो, दोबीन्यी, मिले व कोरो, प्रमुख थे ।

इसी गाँव के नाम पर ही इन कलाकारो को बार्बिजा चित्रकार के नाम से संबोधित किया गया ।

यह स्कूल 1830 से 1870 ई0 तक सक्रिय रहा। इस स्कूल के अन्य सदस्यो मे कामिल कोरो , जूल्स डुप्रे, कांस्टेट ट्रायोन, चार्ल्स जेंक, नरलिसे विर्गिलियो डिआज़, पियरे इमैनुएल दामोए, चार्ल्स ओलिवियर डी पेने, हेनरी हार्पनीज़, पाल इमैनुएल पिरिएट , ग्रेबियल, हिप्पोलीटे लेबस, अल्बर्ट चारपिन, फेलेकिस्क्स, वैन मार्के, अलेक्जेंड्रे डिफ़ोक्स इत्यादि थे ।

बार्बिजा ग्रुप के कलाकार ग्रामीण दृश्यो का चित्रण करते थे ।

बार्बिजा ग्रुप का सबसे महान चित्रकार तेओदोर रुशों था ।

बार्बिजा के चित्रकारों का प्रमुख दृष्टिकोण प्राकृतिक व ग्रामीण दृश्यो का निरीक्षण कर यथार्थ रूप मे चित्रण करना  था ।

बार्बिजा का कलाकार मिले ग्रामीण दृश्यो का चित्रण करता था ।

 

बार्बिजा चित्रकारों का मुख्य दृष्टिकोण प्राकृतिक दृश्यो व ग्रामीण जीवन का प्रत्यक्ष निरीक्षण करके यथार्थ चित्रण करना था ।

यह पहली बार हुआ की कलाकारो ने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर खुले वातावरण मे प्रत्यक्ष देखकर यथार्थ चित्रण किया । सही मायने मे बार्बिजा चित्रकार यथार्थवादी चित्रकार थे ।

तेओदोर रूसो बार्बिजा चित्रकारो मे सबसे प्रसिद्ध व क्रियाशील था । ओक का वृक्ष उसका प्रसिद्ध चित्र है ।

बार्बिजा चित्रकारों मे मिले एक अपवाद मात्र चित्रकार था , जिसने प्रकृति चित्रण न करके सिर्फ ग्रामीण जीवन (श्रम जीवी किसानो ) को चित्रित किया ।

मिले

मिले बार्बिजा ग्रुप का कलाकार था ।

 

मिले कहता था – कला एक मनोरंजक सैर- सपाटा नहीं , वह एक संग्राम है , एक ऐसा मील जो निरंतर पिसता रहता है ।

मिले का चित्र मोती पहने स्त्री मोनालिसा से प्रेरित है ।

 

मिले के प्रसिद्ध चित्र

  1. पछोरने वाला आदमी
  2. बीज बोने वाला
  3. कुदालीवाला आदमी
  4. खान मजदूर
  5. ओडियस (1847 ई0 को राष्ट्रीय कला प्रदर्शिनी मे चित्रित )
  6. मोती पहने स्त्री

 

कामीय कोरो 1796-1875

 

कोरो बार्बिजा ग्रुप के कलाकार थे ।

दायाज़ एवं त्रायन बार्बिजा ग्रुप के कलाकार है ।

कोरो ने चित्रण प्रकृति चित्रण, व्यक्ति चित्रण, मानवाकृति मे किया है ।

कोरो का चित्र नार्नी का पुल लुब्र संग्रहालय, पेरिस मे स्थित है ।

कोरो का चित्र रोम व त्रिनिता दी मोन्ती जेनिवा संग्रहालय मे है ।

कोरो का चित्र ‘’होमर तथा गडेरिये’’ सेंट लो संग्रहालय मे है ।

कोरो का ऐतिहासिक भू दृश्य होमर का गड़ेरिया है ।

खेतो को जाते हुए बैल प्रमुख चित्र त्रायन का है ।

 

कामिय  कोरो के प्रसिद्ध चित्र –

  1. कलाकारो का कार्यकक्ष
  2. मोती पहने हुए स्त्री (1868-70 )
  3. नार्नी का दृश्य
  4. मोर्तिफ़ांटेन की स्मृति
  5. फार्निस का बगीचा
  6. पंखा वाली स्त्री
  7. खंडित पठन
  8. फार्नेस का बगीचा

 

 

तेओदोर रुशों – 1812-1867

 

तेओदोर रुशों का जन्म 1812 मे हुआ था ।

बार्बिजा ग्रुप के कलाकारो मे सबसे अधिक क्रियाशील ओर प्रसिद्ध कलाकार रुशों था ।

रुशों ने प्रकृति चित्रण मे रूपाकारों को  महत्व दिया है ।

रुशों का सर्वोत्तम चित्र ओक के वृक्ष है ।

 

 

चार्ल्स फ़्रांकों दोबिन्यि 1817-1818

बार्बिजा कलाकारो मे सबसे लोकप्रिय कलाकार दोबिन्यि था ।
प्रकृति चित्रण को विशेष रूप प्रदान करने मे दोबिन्यि की अंकन शैली अधिक प्रभावी रही ।

दोबिन्यि का प्रसिद्ध चित्र आइस नदी का किनारा है ।

 

 

 

प्राक-रैफेलवाद

Pre-Rephaelitism

प्राक-रैफेलवाद की  स्थापना 1848 मे हुई थी ।

इंग्लिश कलाकारो के एक दल ने दृश्य कला मे सुधार लाने के लिए प्राक-रैफेलवाद आंदोलन का सूत्रपात किया ।

प्राक-रैफेलवाद के प्रमुख प्रवर्तक विलियम हॉलमन हंट, मिलैस ओर रोजैटी थे ।

प्राक-रैफेलवाद बंधुसंघ की स्थापना 1848 मे हुई थी ।

PRB का मतलब प्री रैफेलवाद ब्रदरहूड़ है ।

रोजैटी ने हंट के स्टुडियो मे अपना पहला चित्र बनाया जिसका शीर्षक कुमारी का लड़कपन था ।

प्राक-रैफेलवाद के दूसरे प्रमुख चित्रकार मिलैस थे ।

मिलैस को 9 वर्ष की अवस्था मे आर्ट सोसाइटी का रजत पदक पुरुस्कार मिला था ।

मिलैस को बेजामिन कबीले के युवक अपने लिए बंधुए पकड़ते हुए चित्र पर 1847 मे आर्ट अकादमी का स्वर्णपदक मिला था ।

आकृतियो तथा दृश्यो का वास्तविक निरीक्षण के द्वारा चित्रण हंट ने  किया ।

हंट ने धार्मिक चित्रण  किया ।

प्राक-रैफेलवाद दल के कलाकार दृश्य की विवरणात्मक एवं यथार्थवाद पर बल देते थे ।

प्राक-रैफेलवाद तथा रैफेलवादी बंधुसंघ नामक स्मारिका 1905 मे हंट ने प्रकाशित किया ।

हंट को 1905 मे ऑर्डर ऑफ मेरिट से सम्मानित किया गया ।

 

 

प्राक-रैफेलवाद के प्रमुख चित्र

  1. बढ़ई की दुकान
  2. कारागार से मुक्ति का आदेश
  3. जंगल के निवासी की लड़की

 

इन्हे भी पढे –

 

Leave a Comment