ब्रिटिश व्यक्ति-चित्रण एवं दृश्य-चित्रण
British Portrait-Painting and Landscape-Art
यूरोपियन पेंटिंग मे ब्रिटेन का योगदान व्यक्ति चित्रण ओर दृश्य-चित्रण के रूप मे मुख्य रूप से रहा।
उसने यूरोप मे तीन महानतम व्यक्ति चित्रकार दिये होगार्थ, रेनाल्ड्स ओर गेन्सबारों । ये तीनों ही व्यक्ति पोट्रेट पेंटिंग मे अतिशय पारंगत थे । अँग्रेजी कला का यह वस्तुतः स्वर्णकाल था ।
इस महानतम चित्रकारों के अतिरिक्त इंग्लैंड मे अनेक प्रतिभाशाली चित्रकार हुए जैसे रोमने , रामसे, रेबर्न, हाक्नर, ओपी, सर टॉमस लारेंस, इत्यादि ये सभी व्यक्ति चित्रण मे विशेष रुचि लेते थे ।
जलरंगों का अधिकता से प्रयोग ब्रिटिश दृश्य-कलाकारो ने किया।
यूरोप की कला मे दृश्य चित्रण का प्रथक विकास हुआ । इसके पहले पुराने समय मे दृश्य चित्रण स्वतंत्र कला नहीं था । यो तो मिस्त्री चित्रो मे कहीं-कहीं प्राकृतिक दृश्यो का अंकन हुआ है पर वे दृश्य चित्रण के लक्ष्य से नहीं बनाए गए है ।
वास्तव मे पुनरुत्थान काल से ही चित्रकला मे दृश्य –चित्रण का विकास आरंभ हुआ । दृश्य चित्रकारों ने आरंभ मे डच स्कूल से प्रेरणा ली ।
इंग्लिश परंपरा मे दृश्य चित्रण का विशेष महत्व शुरू होता है ।
प्रकृति के प्रति ब्रिटिश कलाकारो का विशेष रोमांटिक भाव रहा ।
19 वीं शताब्दी के प्रारम्भ मे इंग्लैंड ने विश्व को दो अत्यंत प्रतिभाशाली लैंडस्केप पेंटर्स दिये – टर्नर ओर कान्सेटबल । इनके अतिरिक्त कंजिस भी प्रकृति चित्रण मे विशिष्ट था । विल्सन , क्रोम, ओर गेन्सबारों इंग्लैंड के अन्य महत्वपूर्ण प्रकृति-चित्रकारों मे से थे ।
इंग्लैंड का वाटर कलर (नारविच) स्कूल अपनी यश ओर किर्ति के लिए सुविख्यात रहा । इसके प्रमुख कर्णधार थे – जॉर्ज मोरलेन, जॉर्ज स्टब्स, जेम्सवार्ड, जर्टिन ओर टर्नर ।
जलरंगों का अधिकता से प्रयोग कर ब्रिटिश दृश्य कलाकारो ने प्रकाश तथा वातावरण का सुंदरता से चित्रण किया । ब्रिटिश दृश्य कलाकारो की रंग योजना उष्ण थी ।
क्लॉद गैली लोरॉ को आधुनिक दृश्य चित्रण का जनक (the Father of Modern landscape Painting ) माना जाता है ।
उसका जन्म 1600 ई0 या 1604/5 ई0 मे फ्रांस मे हुआ था । वर्ष 1648 ई0 मे कैनवास पर तैल रंगो से निर्मित शेबा की रानी की सागरयात्रा (the Embarkation of the Queen of Sheba ) उसका प्रसिद्ध चित्र है , जो वर्तमान मे नेशनल गैलरी लंदन मे प्रदर्शित है ।
रिचर्ड विल्सन को ब्रिटिश लैंडस्केप पेंटिंग का जनक कहा जाता है । वह होगार्थ के समकालीन था । बैंक ऑफ द टाइबर (1776 ) उसकी सुविख्यात कृति है ।
इंग्लिश दृश्य-चित्रण का पिता रिचर्ड विल्सन को कहा जाता है ।
ब्रिटिश दृश्य चित्रकारों मे सबसे प्रसिद्ध टर्नर ओर कांस्टेबल थे ।
टर्नर का जन्म 23 अप्रैल, 1775 ई0 को लंदन मे हुआ ।
इंग्लिश भू-दृश्य चित्रकार का नाम टर्नर है ।
‘चाँदनी रात मे समुद्री दृश्य’ टर्नर ने चित्रांकित किया है ।
‘द फाइटिंग टेमरेयर’ (1838 ई0 ) तैल चित्र टर्नर का है ।
दृश्य चित्रण का दूसरा कलाकार निकोलस पुसिन था । किन्तु इन सब मे सबसे आगे ओर प्रसिद्ध ब्रिटिश दृश्य चित्रकार टर्नर ओर कांस्टेबल थे ।
इस महानतम चित्रकारों के अतिरिक्त इंग्लैंड मे कुछ अन्य प्रतिभाशाली चित्रकार थे जो विभिन्न विषयो पर चित्र बनाते थे । जैसे जेनर पेंटिंग के लिए जॉर्ज मोरलैंड , जॉर्ज स्टब्स , जेम्स वार्ड कंजिस तथा जर्टिन उल्लेखनीय थे ।
रोलैंड्स ओर गिलैरे अपने काल्पनिक ओर व्यंग्यात्मक चित्रो के लिए प्रसिद्ध थे ।
रोमने को इंग्लैंड का चौथा बड़ा चित्रकार कहा जाता है । वह आदमक़द व्यक्तिचित्र बनाता था । कला मे पारंगत होने के लिए इटली गया ओर वंहा कलर स्कीम को परिष्कृत किया । लेडी हैमिल्टन के चित्रो को वह 5 वर्ष तक बनाता रहा । रोमने ने प्राय स्त्रियो के ही चित्र अंकित किए । पार्सण्स डॉटर्स उसकी एक अन्य सुप्रसिद्ध कलाकृति है ।
सर हेनरी रेबर्न स्काटलैंड का सबसे बड़ा चित्रकार था । गेन्सबारों के समान वह भी ग्रामीण अंचलो के चित्र स्केच करने मे विशेष रुचि लेता था ओर बड़ा सशक्त व्यक्ति चित्रकार था , विशेष रूप से पुरुषो के चित्र निरूपित करने मे सर जान सिंक्लेयर का चित्रण उसकी प्रतिभा का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है ।
जॉन कांस्टेबल इंग्लिश रोमांटिक पेंटिंग से संबन्धित थे ।
सबसे अधिक सुंदर बादलो की पेंटिंग जे0एम0डबल्यू0टर्नर ने की थी ।
प्रभाववाद तथा अभिव्यंजनावाद दोनों के पिता जोसेफ मेलार्ड टर्नर को माना जा सकता है ।
रस्किन द्वारा 1843-1860 ई0 के मध्य लिखित मॉडर्न पेंटर्स (Modern Painters ) पुस्तक मे टर्नर को श्रेष्ठ चित्रकार सिद्ध किया गया है ।
दांते की डिवाइन कॉमेडी का चित्रण विलियम ब्लैक ने किया ।
पनचक्की का दृश्य कांस्टेबल ने चित्रित किया ।
ल्यूक होवार्ड की पुस्तक लंदन की जलवायु से जॉन कांस्टेबल को सहायता मिलीं थी ।
भूसागाड़ी (Hay Wain ) कांस्टेबल कलाकार का प्रसिद्ध पेंटिंग है ।
1821 ई0 मे तैल माध्यम मे कैनवास पर बना भूसागाड़ी नामक चित्र वर्तमान मे ब्रिटिश गैलरी , लंदन मे सुरक्षित है ।
‘अनाज का खेत’ 1826 ई0 व ‘द वेल ऑफ डेढ़म’ 1828 ई0 कांस्टेबल कलाकार की कृति है ।
‘मैरिज ए-ला-मोड’ 1743-1745 ई0 कैनवास पर तैलरंग विलियम होगार्थ की प्रसिद्ध पेंटिंग है ।
टर्नर ने प्रकृति के दूसरे पक्ष का चित्रण किया था , जो प्राय आँधी , वायु ओर जल से मुख्यतः संबन्धित था।
कांस्टेबल कलाकार ने ‘लहलहाते खेत’ , ‘झुके हुए बादल ओर फटा –फटा आकाश’ का अधिक चित्रण किया है ।
ल्यूक होवार्ड की पुस्तक ‘लंदन की जलवायु’ से कांस्टेबल को सहायता मिली थी ।
‘पनचक्की का दृश्य’ कांस्टेबल ने चित्रित किया था ।
विचारक ह्यूम ब्रिटेन राष्ट्र के थे ।
‘द मीनिंग ऑफ आर्ट’ (1931 ई0 ) पुस्तक के लेखक ‘सर हरबर्ट रीड’ है ।
जोसेफ मेलार्ड विलियम टर्नर
Joseph Mallord William Turner 1775-1851 ई0
टर्नर का जन्म 23 अप्रैल 1775 ई0 को कोवर गार्डन लंदन मे हुआ था । जो छोटे कद का गोल मटोल एक नाई का पुत्र था ।
ब्रिटिश रोमांसवादी भूदृश्य चित्रकला के इतिहास मे टर्नर अद्भुत प्रतीभाशाली व प्रसिद्ध चित्रकार हुआ ।
टर्नर इंग्लैंड का भू दृश्य चित्रकार था ।
टर्नर भू दृश्य चित्रकार समुद्री शास्त्र का अच्छा जानकार था ।
टर्नर क्लोद लोरे का प्रशंसक था ।
टर्नर यूरोपीय महाद्वीप का भ्रमण कर अनेक चित्र बनाया ।
टर्नर दृश्य चित्रकार के साथ-साथ प्रिंटमेकर व वाटर कलरिस्ट भी था । वह अपने अभिव्यंजनावादी रंगो कल्पनाशील दृश्यो व अशांत तथा हिंसक समुद्री चित्रो के लिए बहुत प्रसिद्ध था ।
प्रारम्भ मे जब उसका पिता उसकी कला के प्रति रुझान को देखकर , कला गुरु के पास प्रशिक्षण की याचना करने गया तो उत्तर मिला – ‘’किसी चमार के पास जूते बनाने भेजो’’ , वह कला क्या सीखेगा’ । वह कभी भी कलाकार नहीं हो सकता । फिर भी टर्नर ने हिम्मत नहीं हारी । अटूट लगन , कठोर साधना करते –करते उसने अपनी प्रतिभा को अपने आप चमका दिया ।
टर्नर को प्राय समुद्री दृश्य , नदिया , पर्वत , सुंदर भवन , चमकती हुई धूप ओर गंभीर तथा मेघो से आच्छादित आकाश का चित्रण करना अच्छा लगता था ।
वर्ष 1791 ई0 मे टर्नर ने रॉयल अकादमी ऑफ आर्ट्स मे अपना प्रथम तैल चित्र ‘चाँदनी रात्रि का अध्ययन’ बनाया ।
टर्नर की विशेषता आकाश की भव्यता के रूप मे विकसित होने का प्रथम संकेत 1807 ई0 मे बना ‘कोहरे मे से उगता सूर्य’ (Sun Rising Through Vapour )नामक चित्र मे मिलता है ।
1839 ई0 मे उसने पालीफ़ेमस अश्व से उतरता यूलीसीस शीर्षक से अपना चित्र बनाया ।
दृष्टि आश्रित कला का विकास टर्नर ने किया था ।
समुद्र के किनारे के दृश्य बनाने के लिए टर्नर प्रसिद्ध था ।
‘लैंडस्केप’ टर्नर चित्रकार ने बनाया है ।
‘शिप रेक’ नामक चित्र कृति टर्नर का उत्तम समुद्री चित्र है ।
टर्नर के जीवन पर आधारित एक नाटक ‘द पेंटर’ 2011 मे ब्रिटश लेखक रेबेका लेनकिवीज़ द्वारा लिखा गया ।
ब्रिटिश फिल्म निर्माता माइक लेह ने टर्नर की एक बायोपिक फिल्म ‘मिस्टर टर्नर’ को निर्देशित किया। इसमे अभिनेता का किरदार निभाने वाले ‘स्पाल’ को 2014 के काँस फिल्म फेस्टिवल मे सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरुस्कार मिला ।
रस्किन ने उसकी प्रशंसा की ओर उसकी कला की श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए ‘आधुनिक चित्रकार’(modern painters ) नामक पुस्तक लिख दी ।
टर्नर ने विवाह नहीं किया था । मरते समय वह अपार धन के साथ 550 से अधिक तैल चित्र , 2000 जल रंग चित्र , 30000 कागज पर अध्ययन चित्र तथा हजारो रेखाचित्र छोड़ गया ।
टर्नर को हम प्रभाववाद तथा अभिव्यंजनावाद दोनों का पिता कह सकते है । फ्रेंच प्रभाववादी तथा जर्मन अभिव्यंजनावादी दोनों उससे प्रभावित हुए ।
टर्नर का जलरंगों मे किया गया कार्य काफी श्रेष्ठ है । उसकी ज़्यादातर कृतिया जलरंग मे ही प्राप्त होती है ।
उसके अंतिम मास्टर पीस चित्र थे- ‘द सन ऑफ वेनिस’ , ‘ए स्लेव शिप’ ओर ‘रेन स्टीम एंड स्पीड’ ।
टर्नर के प्रसिद्ध चित्र
- चाँदनी रात्री का अध्ययन
- कोहरे मे से उगता सूर्य
- पनचक्की का नदी तट
- फाइटिंग टेमेयर
- द वर्निंग हाउस ऑफ पार्लियामेंट
- नाला पार करते हुए
- लाइबर स्टुडियो
- डिडो बिल्डिंग कार्थेज
- बेयी की खाड़ी ।
- पालीफ़ेमस अश्व से उतरता यूलीसीस
- लैंडस्केप
- मूनलाइट
- द स्नोस्टोर्स
- गायों के साथ भू दृश्य
- कैलेतपोत
- चाँदनी
ब्रिटिश व्यक्ति-चित्रण एवं दृश्य-चित्रण
जॉन कांस्टेबल
John Constable 1776-1837 ई0
प्रसिद्ध ‘ब्रिटिश दृश्य रोमांसवादी चित्रकार जॉन कांस्टेबल का जन्म 11 जून 1776 ई0 को इंग्लैंड मे हुआ था ।
उसके पिता पनचक्कियों तथा पवनचक्कियों के मालिक थे ।
स्वच्छंदतावाद की रहस्यात्मक प्रवृत्ति मे से कला की दो धाराए विकसित हुई ।
स्वच्छंदतावाद की रहस्यात्मक प्रवृत्ति की प्राकृत्याक्षित विकास कांस्टेबल की कला मे हुआ ।
स्वच्छंदतावाद की रहस्यात्मक प्रवृत्ति की दूसरी दिव्य दृष्टि आश्रित धारा टर्नर की कला मे मिलती है ।
आधुनिक दृश्य चित्रांकन का प्रवर्तक कांस्टेबल माना जाता है ।
आधुनिक कला के प्रणेताओ मे गोया’ ,’दविद’ तथा ‘टर्नर’ के साथ ही ‘कांस्टेबल’ का भी नाम लिया जाता है ।
1818 से 1820 ई0 के मध्य प्रकाशित ल्यूक होवार्ड की पुस्तक ‘लंदन की जलवायु’ (the Climate of London ) से आकाश के विभिन्न प्रभावों के अध्ययन मे उसे काफी मदद मिली ।
1821 ई0 मे प्रदर्शित ‘भूसागाड़ी’ (Hay Wain ) उसकी प्रसिद्ध कृति है । इस चित्र के रंगो की चमक से देलाक्रा इतना प्रभावित हुआ था की प्रदर्शिनी मे लगे अपने चित्र ‘कियोश मे नरसंहार’ को पंद्रह दिन मे पूरी तरह नए ओर चमकदार तेज रंगो को दुबारा चित्रित कर दिया । देलाक्रा ने कांस्टेबल को ‘द फादर ऑफ मॉडर्न लैंडस्केप’ कहा । कांस्टेबल ने इस चित्र को तैल माध्यम मे कैनवास पर बनाया था । यह चित्र वर्तमान मे नेशनल गैलरी लंदन मे सुरक्षित है । यह नेशनल गैलरी का दूसरा सबसे प्रसिद्ध चित्र है । प्रथम सबसे प्रसिद्ध चित्र टर्नर का ‘द फाइटिंग टेमेरेयर’ (the Fighting Tememraire ) है इसके लिए बी0बी0 सी0 रेडियो ने वोटिंग करवाई थी ।
वह प्रथम चित्रकार था जिसने खुले वातावरण मे चित्र बनाना शुरू किया ।
1825 ई0 मे उसने अपना चित्र ‘उछलकर लांघता हुआ अश्व’ बनाया था ।
1826 ई0 मे कांस्टेबल अपना एक अन्य प्रसिद्ध चित्र ‘अनाज का खेत’ (the corn –field ) बनाया ।
इससे प्रभावित होकर 1829 ई0 मे रॉयल अकादमी ऑफ आर्ट्स ने उसे पूर्ण सदस्य का दर्जा दे दिया ।
रॉयल अकादमी ऑफ आर्ट्स की स्थापना 1768 ई0 मे लंदन मे की गई थी ।
कांस्टेबल ने ‘लहलहाते खेत’ , ‘झुके हुए बादल’ ओर ‘फटे–फटे आकाश का चित्रण’ अधिकता व सुंदरता से किया है ।
‘एसेस्क पार्क’ तथा ‘वेमाउथ बे’ कांस्टेबल के विश्वविख्यात चित्र है ।
जीवनकाल मे उसे सम्मान न मिला । मरणोपरांत उसके चित्रो को इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ चित्र कहा गया ।
कान्स्टेबल की कला पर 17 वीं शताब्दी की डच चित्रकला का प्रभाव था ।
कांस्टेबल के रेखाचित्रों मे क्षणिक भावनाओ का अंकन हुआ है ।
कांस्टेबल ग्रामीण दृश्यो को निष्ठा के साथ चित्रित करता था ।
प्रकृति आश्रित कला का विकास ‘कांस्टेबल’ ने किया था ।
कांस्टेबल के प्रसिद्ध चित्र –
- भूसागाड़ी Hay Wain
- स्तूर नदी के किनारे का एक दृश्य
- उछलकर लांघता हुआ अश्व
- अनाज के खेत the corn-field
- ब्राइटन के किनारे कोयलवाही
- हैम्पस्टेड मे बंजर
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- जोसेफ मेलार्ड विलियम टर्नर
- ब्रिटिश व्यक्ति-चित्रण एवं दृश्य-चित्रण
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- जॉन कांस्टेबल John Constable
- यथार्थवाद Realism