स्वच्छंदतावाद / रोमांसवाद

स्वच्छंदतावाद / रोमांसवाद

(Romanticism) 1800-1890 ई0 तक

यूनानी कला के अन्वेषण तथा रोकोको के विरोध मे नवशास्त्रीयतावाद की जो प्रवृत्ति यूरोप मे उत्पन्न हुई उसे एक अन्य बलवती शैली ने दबा दिया। यह प्रवृत्ति  रोमांसवाद कही गई। इसे स्वच्छंदतावाद भी कहा जाता है ।

रोमांसवाद, ‘रोमांटिसिज़्म शब्द का हिन्दी अनुवाद है , जिसकी उत्पत्ति फ्रेंच शब्द रोमा से हुई है । इसका अर्थ कथा है ।

रोमांसवादी चित्रकारों ने विषय के रूप मे साहसिक कथाओ तथा रोमांसकारी घटनाओ को ही चुना तथा इसे भावस्पर्शी चित्रित करने मे संयोजन,संतुलन,चमकीले रंगो तथा दूर दृश्य लघुता के साथ लयपूर्ण रेखांकन का प्रयोग किया ।

रोमांसवाद, ‘कला साहित्य तथा बौद्धिक क्षेत्र का आंदोलन था जो यूरोप के फ्रांस मे 18 वीं शताब्दी मे प्रारम्भ हुआ । 1800 से 1890 ई0 तक के काल मे यह आंदोलन अपने चरमोत्कर्ष पर था ।

ज्यां-जॉक रूसो (1712-1778 ई0 ) को स्वच्छंदतावादी चिंतन की शुरुआत का श्रेय दिया जाता है । 1761 ई0 मे प्रकाशित रूसो की  दीर्घ औपन्यासिक कृति ‘ज्यूली ऑर द न्यू हेलोइस ओर उनकी स्वंय की आत्मकथा कनफेशंस स्वच्छंदतावादी नजरिए का उदाहरण है ।

इंग्लिश कवि, चित्रकार व प्रिंटमेकर विलियम ब्लेक (1757-1827 ई0 ) भी स्वच्छंदतावादी आंदोलन के प्रमुख प्रतिनिधित्वकर्ताओ मे से एक था । उसने प्रसिद्ध डिवाइन कॉमेडी का चित्रण किया ।

कला मे रोमांसवाद का अग्रदूत जेरिकों (जेरिकाल्ट) को माना जाता है । इस शैली का दूसरा प्रमुख कलाकार ओज़ोन देलाक्रा था ।

 

 

तेओदोर जेरिकों (Theodor Gericault)

1791-1824 ई0

रोमांसवाद के जनक जेरिकों का जन्म 26 सितंबर 1791 ई0 को रुएन,नार्मड़ी (फ्रांस ) मे हुआ था ।

17 वर्ष के उम्र मे स्कूल की पढ़ाई त्याग कर उसने चित्रकार बनने की ठानी ओर कारले वेरेंट के स्टुडियो मे कुछ दिनो कला की शिक्षा लेने के पश्चात वह गुवेरिन (डेविड का ओर उसके शास्त्रीय परंपरा का ग्राहयकर्ता था ) की शरण मे चला गया । बचपन मे उसकी संगीत के प्रति गहरी रुचि रही ।

स्वच्छंदतावादी कला आंदोलन का सूत्रपात फ्रांस मे सन 1819 ई0 मे आयोजित प्रदर्शिनी मे हुआ जिसमे जेरिकों ने मेदुसा का बेड़ा (द रोफ्ट ऑफ मेदुसा ) प्रदर्शित की । इस चित्र के प्रदर्शन ने हंगामा मचा दिया ।

1818-1819 ई0 के मध्य मे कैनवास पर तैल माध्यम से बना उसका यह चित्र रोमांसवाद का प्रथम चित्र माना जाता है जो वर्तमान मे पेरिस के लुव्र संग्रहालय मे संग्रहीत है । ‘मेदुसा का बेड़ा’ एक अत्यंत दर्दनाक समुद्री दुर्घटना से प्रेरित चित्र है । जिसमे 149 व्यक्तियों मे से मात्र 15 व्यक्ति ही जीवित बच पाए थे ।

ईरदज़ अजीमी द्वारा 1994 ई0 मे मेदुसा का बेड़ा शीर्षक से एक फिल्म भी बनाई गई थी । इस फिल्म मे प्रसिद्ध अभिनेता लारेंट टेरजेफ ने थियोडोर जेरिकों की भूमिका निभाई थी।

कहा जाता है की जेरिकों कला अध्ययन के लिए घरो मे लाशे रखता था ।

जेरिकों का ‘पागल हत्यारा’ चित्र बहुत ही प्रभावशाली व प्रसिद्ध चित्र है ।

फ्रांस के रोमांटिक स्कूल के इस अग्रदूत की 32 वर्ष की अल्पवस्था मे ही 26 जनवरी 1824 ई0 को पेरिस , फ्रांस मे मृत्यु ही गई थी ।

सांग्स ऑफ इनोसेंस एण्ड ऑफ एक्सपीरियंस विलियम ब्लैक द्वारा कविताओ का एक सचित्र संग्रह है ।

प्राचीन के स्थान पर समकालीन ऐतिहासिक घटनाओ का चित्रण जेरिकाल्ट कलाकार ने सर्वप्रथम किया था ।

छाया प्रकाश का जितना तीव्र विरोध होगा रंगो की चमक उतनी ही बढ़ेगी यह कथन देलाक्रा का है ।

यूजीन देलाक्रा की प्रशंसा मे सबसे अधिक लेख बौदेलेअर ने लिखे ।

 

जेरिकों के प्रसिद्ध चित्र

  1. मेदुसा का बेड़ा (The Raft of the Medusa)
  2. पागल हत्यारा crazy killer
  3. राइडरलेस रेसर्स एट रोम Riderless Racers at Rome
  4. चार्जिंग चाइसेर the Charging Chaseur

 

इउजीन/ओज़ोन  देलाक्रा Eugene Delacroix

1798-1863 ई0

प्रसिद्ध फ्रेंच रोमांसवादी चित्रकार तथा लिथोग्राफर देलाक्रा का जन्म 26 अप्रैल 1798 ई0 को पेरिस के निकट आइल द फ्रांस के सेंट मौरिस चारेंटन मे हुआ था ।

देलाक्रा को प्रारम्भिक यश उसके चित्र यमलोक मे दांते व वर्जिन (Dante and virgin In Hell ) से मिला ।

देलाक्रा को रोमांसवादी कलाकारो मे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है ।

देलाक्रा हिंसा, संघर्ष ओर अत्याचारो के अत्यंत भावपूर्ण एवं सशक्त चित्र खींचता था जो जनता को रोमांचित कर देते थे । उसका एक  चित्र ‘शिशु मृत माँ का स्तनपान करते हुए ने खलबली मचा दी थी ।

उसका एक विख्यात चित्र ‘कियोश मे नरसंहार’ (Massacre at chios ) है । कैनवास पर तैल माध्यम से बनाया गया यह चित्र वर्तमान मे पेरिस के लुव्र संग्रहालय मे सुरक्षित है ।

1830 ई0 मे निर्मित देलाक्रा का सर्वश्रेष्ठ चित्र ‘लोगो का नेत्रत्व करती स्वतन्त्रता देवी’ (Liberty Leading the People) तैल माध्यम से कैनवास पर बना है ओर यह वर्तमान मे लुव्र म्यूजियम पेरिस मे सुरक्षित है । इस चित्र मे स्वतन्त्रता की भावना की अत्यंत सशक्त अभिव्यक्ति की गई है ।

देलाक्रा प्रथम चित्रकार था जिसने उत्तरी अफ्रीका के दृश्य चित्र बनाए जैसे ‘वुमेन ऑफ अल्जियर्स’ (1834 ई0 मे कैनवास पर तैल माध्यम , लुव्र संग्रहालय मे सुरक्षित ) है ।

 

देलाक्रा के प्रसिद्ध चित्र

  1. टार्जन का न्याय the justice of Tarjan
  2. लोगो का नेत्रत्व करती स्वतन्त्रता देवी Liberty Leading the People
  3. कियोश मे नरसंहार Massacre at chios

 

 

फ्रांसिस्को गोया Francisco Goya

1746-1828 ई0

फ्रांसिस्को गोया का जन्म 30 मार्च 1746 ई0 को स्पेन के आरागान के एक निर्धन परिवार मे हुआ था ।

वह स्पेन के राजा चतुर्थ चार्ल्स के समय उनका दरबारी चित्रकार नियुक्त हुआ ।

गोया की कला मे आरंभ मे रोकोको शैली विकास काल मे स्वच्छंदतावाद तथा पूर्णता के युग मे स्वच्छंदतावादी का समनव्य था ।

‘पिशाचिनियों की सभा’ गोया की कृति है ।

‘युद्ध की विभीषिका’ गोया की कृति है ।

 

गोया स्पेन का प्रसिद्ध रोमांसवादी चित्रकार तो  था ही साथ ही वह प्रसिद्ध छापाकार भी था ।

गोया की वाणी अत्यंत मधुर थी ।  वह मुक्केबाज, खड़गधारी तथा नर्तक भी था ।

स्पेन मे वेलास्के के पश्चात गोया ही सबसे महान प्रतिभाशाली चित्रकार हुआ । वह 18 वीं -19 वीं शती मे स्पेन का एकमात्र शीर्षस्थ चित्रकार बन गया था ।  वस्तुतः गोया ही स्पेन का प्रथम आधुनिक चित्रकार था ।  वह वेलास्के व रेंब्रा को अपना आराध्य मानता था ।

चित्र विधा मे पारंगत होने के लिए वह इटली गया । वंहा से लौटकर स्पेन की राजधानी मैड्रिड मे आ गया ओर वही रॉयल टेपेस्ट्री फैक्ट्री मे सेवा प्रारम्भ की । वंहा उसने पर्दो के लिए 40 डिजाइन तैयार की ओर इन्ही से उसका यश बहुत बढ़ गया ।

गोया ने स्पेन के मेलो , धार्मिक जुलूसो, साड़ों के द्वंद युद्धो, बंदर-बिल्लियो, मुर्दों आदि नाना प्रकार के विषयो पर चित्र बनाए । यहा तक की उसने पागलखाने के लोगो , कारावास मे बंद कैदियो ओर फांसी के भी दृश्य अंकित किए । उसके चित्रो के विषय प्राय स्पेनिश होते थे ।

गोया ने 1797 से 1799 ई0 के बीच ‘द स्लिप ओफ रीज़न प्रोड्यूस मोंस्टर्स’ नामक एचिंग सीरीज को बनाया जो वर्तमान मे मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम न्यूयॉर्क मे सुरक्षित है ।

जब उसने 1797 से 1800 ई0 के मध्य कैनवास पर तैल विधि द्वारा अपना प्रसिद्ध चित्र ‘निर्वस्त्र माजा’ the Nude Maja बनाया तो सारा स्पेन आग बबूला हो गया ।  वर्तमान मे यह चित्र म्यूजियों डेल प्राड़ों, मैड्रिड (स्पेन) मे सुरक्षित है ।

1800 से 1801 ई0 के मध्य स्पेन के राजा चार्ल्स चतुर्थ ओर उनका परिवार (Charles iv of Spain and his Family) नामक चित्र बनाया । वर्तमान मे यह चित्र भी मैड्रिड संग्रहालय की शोभा संपत्ति है ।

गोया द्वारा बनाए गए आल्वा की बेगम के दो व्यक्ति चित्र सवस्त्र व विवस्त्र कला के इतिहास मे विशेष प्रसिद्ध है ।

1808 ई0 मे नेपोलियन के नेत्रत्व मे फ्रांस ने स्पेन पर आक्रमण किया ओर निरघ्रणता से निष्पाप लोगो की हत्या की । इसी से प्रेरित होकर गोया ने 18101820 ई0 के बीच युद्ध की विभीषिका शीर्षक से 82 एक्वाटिंट चित्रो की एक शृंखला बनाई ।

गोया ने एक्वाटिंट पद्धति मे कई चित्र बनाए । इसमे से चांचल्य नाम की चित्रमालिका मे उसने मनुष्य की इंद्रियता, अहंकार व मूर्खता का उपहास किया ।

गोया के अंतिम महत्वपूर्ण कृतियो मे ‘द मिल्कमेन ओफ बोर्डो’ उल्लेखनीय है ।

गोया के चित्रो मे यथार्थवाद के अतिरिक्त रोमांसवाद व आधुनिक कला के अभिव्यंजनावाद तथा अतियथार्थवाद के बीज दृष्टिगोचर है ।

1819 से 1823 ई0 के मध्य यूरोप मे बनाई हुई 14 पेंटिंग्स के समूह को ब्लैक पेंटिंग्स नाम दिया गया ये गोया ने बनाई थी ।

‘कोहरे का सागर मे भटकना’ (Wanderer above the sea of fog) जो वर्ष 1819 ई0 का तैल रंगो से कैनवास पर बना है तथा हैम्बर्ग, जर्मनी मे सुरक्षित है । यह चित्र जर्मन रोमांसवादी कलाकार कैस्पर डेविड फ़्रेडरिक का है ।

 

गोया के प्रसिद्ध चित्र

  1. युद्ध की विभीषिका (Disasters of War )
  2. दो मई second may
  3. तीन मई the third may
  4. पुत्र भक्षक शनि Saturn devourning his son
  5. द स्लिप ओफ रीज़न प्रोड्यूसेज मोंस्टर्स the sleep of reason produces monsters
  6. जादूगरनियों का व्रत दिन Witches’s Sabbath or Aquelarre
  7. निर्वस्त्र माजा the nude maja
  8. यार्ड विद लूनेटिक्स 1974

 

 

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