हेलेनिस्टिक युग (Hellenistic Period )

क्रीटन माइसीनियन तथा यूनानी कला

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भाग 3

हेलेनिस्टिक युग (Hellenistic Period ) 323-30 ई0पू0

सिकंदर महान का समय 356-323 ई0पू0 है ।

हेलेनिस्टिक चित्रकला मे आचार्य चित्रकार का नाम एपेलीज़ है ।

हेलेनिस्टिक युग का आरंभिक तथा सिकंदर का दरबारी चित्रकार एपेलीज़ था ।

सिकंदर का मणिकुट्टीम चित्र हेलेनिस्टिक युग का है ।

 

यूनानी इतिहास मे सिकंदर महान के मरणोपरांत (323 ई0पू0 ) अर्थात सिकंदर महान के अंतिम उत्तराधिकारी शासन के रोम द्वारा सत्ता हस्तगत करने तक के मध्य का समस्त युग हेलेनिस्टिक कहा जाता है।

हेलेनिस्टिक से तात्पर्य है – यूनानियों से प्रभावित सभ्यता

यूनान की सभ्यता जिन एशियाइ ओर यूरोपीय सभ्यताओ के संपर्क मे आई उसने उन पर अपनी कतिपय बुनियादी अवधारणाओ व मौलिक विशेषताओ की छाप छौड़ी ओर एक नवीन यूनानी हेलेनिस्टिक कला को जन्म दिया ।

भारत मे हेलेनिस्टिक कला का प्रचलन हिन्द-यूनानी शासको ने पश्चिमोत्तर भारत मे किया था । जिसका उदाहरण गांधार कला है ।

हेलेनिस्टिक युग मे अनेक रंग शालाए निर्मित हुई। इनमे 400 ई0पू0 के उत्तरार्ध मे यूनान मे बनी एपिडोरस की रंगशाला प्रमुख है ।

इस समय एथेंस मे निर्मित ओलंपियन ज्यूस का मंदिर उल्लेखनीय है ।

इस युग मे मूर्तिकारों मे विशाल पैमाने पर मूर्तियो का निर्माण किया। समुहात्मक प्रतिमाओ (जिनमे लाओकून ओर उसके पुत्र, वीनस –डी-मिलो तथा वींग्ड़ विक्ट्री ऑफ सेमोथ्रस, मरणासन गौल इत्यादि प्रमुख है  ) का निर्माण हेलेनिस्टिक युग की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

समूह-प्रतिमाओ मे सबसे प्रसिद्ध संगमरमर (मार्बल )से निर्मित ‘लाओकून व उसके पुत्रो की है। एजोसेंडर द्वारा निर्मित 2 मीटर (6 फिट 7इंच ) ऊंची यह प्रतिमा वर्तमान मे वेटिकन म्यूजियम रोम मे सुरक्षित है ।

हेलेनिस्टिक युग की महान कृतियो मे 200-190 ई0पू0 के मध्य की सेमोथ्रेस द्वीप के ग्रेट गाड्स सेंचुरी से प्राप्त पंखयुक्त विजयश्री की 244 सेमी0 (8.01 फिट ) ऊंची प्रतिमा है । सफ़ेद मार्बल से निर्मित यह प्रतिमा वर्तमान मे लुब्र संग्रहालय (पेरिस) मे प्रदर्शित है ।

अफ़्रोदिति का चित्र एपेलीज़ ने बनाया था ।

इसस का युद्ध रोमन कला की रचना है ।

अपोलो की कांस्य प्रतिमा आरंभिक यूनान युग की है ।

 

हेलेनिस्टिक युग  से संबन्धित एक अन्य प्रसिद्ध प्रतिमा मरणासन गौल (dying gaul ) की है ।

जिसका निर्माण काल 230 ई0पू0 से 220 ई0पू0 के मध्य माना जाता है । यह मूल प्रतिमा अब अप्राप्य है । इसकी मार्बल निर्मित रोमन अनुकृति ही प्राप्त होती है , जो कैपिटोलिन म्यूजियम (रोम) मे सुरक्षित है ।

इतिहास लेखन का जनक हेरोडोटस  माना जाता है ।

महान दार्शनिक सुकरात यूनान का था ।

सुकरात का प्रसिद्ध शिष्य प्लेटो था ।

रिपब्लिक प्लेटो की रचना है ।

प्लेटो का शिष्य अरस्तू था ।

सिकंदर का गुरु अरस्तू था ।

यूनान का प्रसिद्ध मूर्तिकार फिदियास था ।

 

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