लियोनार्डो द विंची
लियोनार्डो द विंची का जन्म इटली के फ्लोरेन्स शहर के विंची नामक ग्राम मे 15 अप्रैल 1452 ई0 मे हुआ था ।
विंची एक पहाड़ी नगर है जो अरनो घाटी मे स्थित है ।
नारी जाति की रहस्यमई पहेली मोनालिसा को कहा जाता है । प्रसिद्ध चित्र मोनालिसा इटली देश के कलाकार की कृति है ।
मोनालिसा म्युसी द लुव्र पेरिस (फ्रांस ) मे संग्रहीत है ।
मोनालिसा चित्र की पृष्ठभूमि मे दृश्य चित्र दर्शाया गया है ।
वह फ्लोरेन्स के एक धनी सर मेसियर पिएरो फ्रूसोसिनो डी एंटोनियो द विंची (विंची नगर का नोटरी था ) का अवैध पुत्र था । उसे 5 वर्ष की अवस्था मे ही अपनी ग्रामवासी माता कैटेरीना से ले लिया गया था , ओर उसका लालन पालन उसके पिता व उसकी वैध पत्नी जो की एक कुलीन व संप्रभात समाज की स्त्री थी, के द्वारा किया गया ।
लियोनार्डो बाए हाथ से कार्य करता था , जिसके कारण उसे अशुभ भी कहा जाता था । उसके बाए हाथ से कार्य करने का पता उसके गर्ल्स हेड (1483 ई0 ) रेखांकन से चलता है ।
लियोनार्डो द विंची को केवल एक कलाकार ही नहीं माना जाता है । उसे वंडर ऑफ द ऐज़ (युग का आश्चर्य ) की उपाधि दी गई है ।
14वीं -16 वीं शताब्दी के मध्य इटली तथा अन्य देशो की कला मे जो नवजागरण हुआ उसे पुनरुत्थान कहा जाता है ।
वह एक महान चित्रकार के साथ साथ मूर्तिकार वास्तुशिल्पी, संगीतज्ञ, कुशल, इंजीनियर, वैज्ञानिक, ड्राफ्ट्समैन, फोटोग्राफर इत्यादि था ।
लियोनार्डो एक अनुसंधानशील कलाकार था जिसने शरीर मे रक्त परिभ्रमन युद्ध मे काम आने वाली सशस्त्र गाड़िया, परमाणु बम, अनेक प्रकार के वायुयान तथा हेलिकॉप्टर व पनडुब्बी की कल्पना पर हजारो रेखाचित्र बनाए।
आरंभ मे उसने एंड्रीया डेल वेरेच्चियों से कला की शिक्षा ग्रहण की । वेरेच्चियों एक सफल मूर्तिकार था ।
5 अगस्त ,1473 ई0 को निर्मित लियोनार्डो का प्रथम ज्ञात तिथि युक्त चित्र अरनो घाटी है जो कलम ओर स्याही मे अंकित रेखा चित्र है ।
फ्लोरेंटाइन युग के उसके चित्रो मे सर्व विख्यात उद्घोषणा है । इस चित्र को लियोनार्डो ने वेरेच्चियों के सामीलकर 1472 -1475 ई0 के मध्य फ्लोरेन्स के दक्षिण पश्चिम मे स्थित मोनटीओलिवेटों के मठ के लिए पैनल पर ऑयल ओर टेम्परा माध्यम मे बनाया था । आज यह चित्र फ्लोरेन्स के उफिजी गैलरी मे सुरक्षित है ।
लियोनार्डो का सबसे परिष्कृत चित्र मार्च 1481 ई0 मे पूर्ण मगी की आराधना है । इसे उसने फ्लोरेन्स के सान डोनाटो स्कूपेटो संघ के लिए बनाया था । ऑयल ऑन वूडकट माध्यम मे निर्मित यह चित्र वर्तमान मे उफीजी गैलरी फ्लोरेन्स मे सुरक्षित है ।
लियोनार्डो ने वर्ष 1499 से 1500 ई0 के मध्य लियोनार्डो ने वर्जिन एंड चाइल्ड विद सेंट एन्ने एंड सेंट जॉन बैप्टिस्ट (चारकोल, ब्लॅक एंड व्हाइट चॉक ओर टिंट पेपर माउंटेण्ड ऑन कैनवास ) चित्र अंकित किया यह चित्र वर्तमान मे नेशनल गैलरी लंदन मे सुरक्षित है ।
द बैटल ऑफ अंधियारी (1505) लियोनार्डो अंकित भित्ति चित्रो मे सबसे परिष्कृत है परंतु आज अज्ञात है ।
1481 ई0 के लगभग वह काफी प्रसिद्ध हो गया फ्लोरेन्स के निकट ईसाई संतो के एक मठ राज्याधिकारी द्वारा ईसा की वंदना विषय के चित्रण के हेतु आमंत्रित किया गया ।
1483 ई0 मे वह मिलान पहुंचा । मिलान पहंचते उसने श्वेत रोमयुक्त कोट वाली महिला का चित्र अंकित किया ।
लियोनार्डो द विंची के शिक्षक वेरोशियों थे ।
लियोनार्डो द विंची का सर्वप्रथम उत्कृष्ट चित्र वर्जिन ओफ द रोक्स है ।
लियोनार्डो द विंची पुनर्जागरण कालीन चित्रकार ने विटूवियन फार्म का आविष्कार किया था ।
लियोनार्डो द विंची ने चित्रकला की अपनी तकनीक मे रेखाओ को धुंधला किया है ।
शैलखंडो की कुमारी (वर्जिन ऑफ द रोक्स ) शीर्षक से उसने दो चित्र अंकित किए । प्रथम 1483-1486 ई0 के मध्य ऑयल ऑन पैनल माध्यम मे बनाया । द्वितीय 1495-1508 के मध्य ऑयल ऑन पैनल मे ही निर्मित किया । प्रथम लूव्र म्यूजियम (पेरिस) जबकि द्वितीय नेशनल गैलरी (लंदन ) मे सुरक्षित है ।
1515 -1520 ई0 के मध्य लियोनार्डो ने लीडा ओर हंस शीर्षक से कैनवास पर तैल रंग माध्यम से दो विख्यात रंगीन चित्र बनाए इसमे से एक उफीजी गैलरी (फ्लोरेन्स )तथा दूसरा विल्टन हाउस (इंग्लैंड ) मे सुरक्षित है । बाद मे इनके आधार पर एक रेखा चित्र रैफेल ने भी बनाया था ।
1495 -1498 ई0 के मध्य लियोनार्डो ने मिलान (इटली ) के सांता मारिया उपासना गृह मे अपना एक प्रसिद्ध चित्र ईसा का अंतिम भोज (the Last supper ) फ्रेस्को –सेक्कों विधि मे बनाया इस भित्ति चित्र की माप 460 सेमी0 * 880 सेमी0 (180 इंच * 350 इंच ) है ।
लियोनार्डो ने 1490 ई0 मे पेन ओर स्याही माध्यम से अपना एक प्रसिद्ध चित्र विट्रूवियन मैन बनाया । यह चित्र वर्तमान मे गैलरी डेल एकेदडेमिया (वेनिस ) मे सुरक्षित है ।
1489- 1490 ई0 के बीच उसने ऑयल ऑन वूड पैनल पर आधारित लेडी विद एन अरमाइन नामक चित्र बनाया । वर्तमान मे यह चित्र पोलैंड के एक संग्रहालय मे सुरक्षित है ।
1503-1506 ई0 के मध्य लियोनार्डो ने फ्लोरेन्स के एक अधिकारी फ्रान्सेस्का देल जियोकोंडा की 24 वर्षीय पत्नी लीजा घेरार्दिनी का आवक्ष चित्र (पोट्रेट ) बनाया । जो संसार मे मोनालिसा नाम से विख्यात है ।
मोनालिसा विश्व का सर्वाधिक प्रसिद्ध व ख्यातिनाम चित्र है । पोपलर लकड़ी के पैनल पर तैल रंग से निर्मित इस चित्र मे छाया प्रकाश के माध्यम से त्रियायमी प्रभाव को सुंदरता से दर्शाया गया है । इस कौशल को Chiaroscuro नाम दिया जाता है । 77 सेमी0 * 53 सेमी0 (30 इंच * 21 इंच ) माप के इस चित्र को लाल रंग के टोन मे बनाया गया है । इसके पृष्ठभूमि मे प्राकृतिक दृश्य बना है । मोनालिसा अपने रहस्यमय मुस्कान के लिए विश्व प्रसिद्ध है । इस छवि को विश्व मे सबसे परिष्कृत नारी छवि चित्र माना जाता है । संप्रति यह पेरिस के लूव्र संग्रहालय मे संगृहीत है ।
लियोनार्डो द विंची ने विट्रूवियन फार्म तथा स्फुमैटो तकनीक का आविष्कार किया ।
लियोनार्डो ने तैल चित्रण माध्यम के रूप मे बादाम के तैल का प्रयोग किया ।
2 मई 1519 ई0 को 67 वर्ष की आयु मे फ्रांस के एम्बोइस मे इस महान कलाकार का निधन हो गया लियोनार्डो की मृत्यु के साथ ही पश्चिमी सभ्यता के इतिहास का एक युग समाप्त हो गया ।
वर्ष 2009 ई0 मे टी0 वी0 चैनल डिस्कवरी पर फिल्मों की के शृंखला द विंची एप्रैटस जारी की गई थी । इस डॉक्यूमेंटरी शृंखला के 10 एपिसोड मे से प्रत्येक लियोनार्डो के मूलचित्रों के निर्माण ओर परीक्षण के लिए समर्पित था ।
लियोनार्डो का एक अन्य प्रसिद्ध चित्र 500 साल पुराना 1500 ई0 का सल्वाटर मुंडी (लैटिन नाम – सेवियर ऑफ द वर्ल्ड )है । इस चित्र मे ईसा मसीह को विश्व के उद्धारकर्ता के रूप मे चित्रित किया गया है । उनके एक हाथ मे क्रिस्टल का गोला तो दूसरा हाथ आशीर्वाद की मुद्रा मे है । अखरोट के कैनवास पर तैल माध्यम मे निर्मित यह चित्र 15 नवंबर 2017 को क्रिस्टी की नीलामी मे 450.3 मिलियन डॉलर (2937 करोड़ रुपए )मे नीलाम हुआ । यह चित्र नीलामी के सारे रिकार्ड तोड़ अब तक का सबसे मंहगा चित्र बन चुका है । यह दावा किया जा रहा है की इस पेंटिंग को जल्द ही अल-ऊला शहर के गवर्नर ऑफिस मे लगाया जाएगा , जिसे सऊदी लंबे समय से सांस्कृतिक ओर पर्यटन स्थल बनाना चाहता है ।
लियोनार्डो द्वारा रचित ग्रंथ पैरागोन ललित कलाओ के तात्विक अन्तः संबंध तथा समस्त ललित कलाओ के तुलनात्मक अध्ययन के लिए एक प्रकाश स्तम्भ का कार्य करता है ।
होली फैमिली पेंटिंग का चित्रकार माइकेल एंजिलों है ।
द लास्ट जजमेंट के चित्रकार का नाम माइकेल एंजिलों है ।
एंटोम्बमेंट (1502 ई0 टेम्परा ऑन पैनल माध्यम ) माइकेल एंजिलों का चित्र है ।
वेटिकन सिटी के सिस्टाइन चैपल की छत पर आदम की उत्पत्ति नामक फ्रेस्को भित्ति चित्र माइकेल एंजिलों ने बनाया है ।
लीडा ओर हंस तथा मैडोना व शिशु ईसा लियोनार्डो द विंची का रंगीन चित्र है ।
वैपटिज्म ऑफ क्राइस्ट ऑयल पेंटिंग को इंडिया डेल वेरोशियों तथा लियोनार्डो द विंची ने मिलकर बनाया था । कालक्रमानुसार सही क्रम मे चित्रो का चयन –
वैपटिज्म ऑफ क्राइस्ट (1475 ई0 ) द एडोरेशन ऑफ मेजाई (1481 ई0 ), द लास्ट सपर (1495-98 ई0 ) , मोनालिसा
लियोनार्डो द विंची के प्रसिद्ध चित्र
- शैलखंडो की कुमारी (virgin of the rocks ),
- ईसा का अंतिम भोज (the last supper ),
- मोनालिसा
- मैडोना तथा शिशु ईसा,
- लीडा ओर हंस (lida and swan ),
- द विट्रूवियन मैन ,
- सल्वाटर मुंडी
इन्हे भी पढे –
- आरंभिक ईसाई कला (Early Christian Art )
- बाइंजेंटाइन कला Byzantine Art
- गोथिक कला Gothic Art
- रोमनस्क शैली Romanesque Art
- पुनर्जागरण कालीन कला Renaissance Art
- लियोनार्डो द विंची
- माइकेल एंजिलों Michel angelo
- रैफेल सैंजिओ
- आरंभिक पुनरुत्थान कालीन कला Early Renaissance Art
- बरोक तथा रोकोको कला
- चरम पुनरुत्थान कालीन कला (High Renaissance Art)
- नवशास्त्रीयतावाद (Neo-Classicism )
- स्वच्छंदतावाद / रोमांसवाद Romanticism
- जोसेफ मेलार्ड विलियम टर्नर
- ब्रिटिश व्यक्ति-चित्रण एवं दृश्य-चित्रण