ई0वी0 हैवल
- ई0वी0 हैवल का पूरा नाम अर्नेस्ट बिनफील्ड था ।
- ई0 वी0 हैवल का जन्म 1861 को हुआ था तथा मृत्यु 1934 ई0 को हुई थी
- ई0वी0 हैवल एक ऐसे अँग्रेजी कला समीक्षक थे जिन्होने न केवल भारतीय कला समीक्षा की दशा बदली ,अपितु आधुनिक भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण को एक परिपक्व स्थान दिलाया ।
- ई0 वी0 हैवल एक कला समीक्षक थे अपने करियर की शुरुआत एक टीचर से किया था ।
- जब हमारी भारतीय चित्रकला विलुप्त होने लगी थी तो इन्होने संसार का ध्यान हमारी भारतीय चित्रकला संस्कृति की ओर आकर्षित किया ।
- जो हमारी भारतीय चित्रकला है उसका संबंध ई0वी0 हैवल ने आत्मा से बताया लेकिन जो पाश्चात्य चित्रकला है । वेस्टर्न आर्ट उसका संबंध भौतिकता से बताया सांसारिक से बताया है ।
- भारतीय चित्रकला के पुनर्जागरण के प्रेरणा स्रोत माने जाते है ।
- इन्होने मद्रास कला विध्यालय मे 1884 मे प्रिन्सिपल बनाया गया फिर इंका स्थनानतरण कलकत्ता कला विध्यालय मे प्रिन्सिपल के तौर पर 1896 मे बने ।
- मद्रास कला विध्यालय को अंग्रेज़ो ने 1850 मे स्थापित किया ये भारत मे पहला कला विध्यालय था।
- दूसरे प्रिन्सिपल देवी प्रसाद राय चौधरी बने ।
- भारतीय चित्रो को लगाने की अनुमति ई0वी0 हैवल ने लार्ड कर्ज़न से ली थी ।
- W.C. आर्चर ने ई0वी0 हैवल का खंडन इंडिया एंड मॉडर्न आर्ट मे इनके विचारो को गलत ठहराहा था ।
भारतीय मूर्तिकला एवं चित्रकला पर लेखन
कोलकाता के कला विध्यालय के प्रिन्सिपल पद से अवकाश ग्रहण करने के तीन वर्ष बाद सन 1908 ई0 मे हैवल ने अपना भारतीय मूर्तिकला एवं चित्रकला नामक ग्रंथ प्रकाशित करवाया । इसके कुछ समय बाद उनका दूसरा ग्रंथ भारतीय काला के आदर्श प्रकाशित हुआ । भारत मे कलात्मक तथा औधोगिक पुनर्जागरण का आधार नाम से उनके विभिन्न पत्रो मे प्रकाशित निबंधो का संग्रह सन 1912 ई0 मे प्रकाशित हुआ । इसके पश्चात भारतीय भवन -निर्माण कला उसका मनोविज्ञान संरचना तथा इतिहास नामक ग्रंथ प्रकाशित हुआ । प्राचीन तथा मध्यकालीन मूर्तिकला मे आपने इसी विषय पर कुछ और उच्चतर प्रस्तुत किया है ।
इस प्रकार भारतीय कला के इतिहास का पूर्ण अध्यन्न करने के पश्चात ई0वी0 हैवल ने अभिव्यक्ति की आवश्यकता को अनुभव करते हुए सन 1920 ई0 मे अपनी प्रारम्भिक रचनाओ का संक्षिप्त संकलन हैंडबुक ऑफ इंडियन आर्ट नाम से प्रकाशित किया । इसके चार वर्ष बाद भारतीय कला मे हिमालय प्रकाशित हुआ उन्होने दो ऐतिहासिक ग्रंथो की भी रचना की । एक लेखक के रूप मे आपने अपनी पहली पुस्तक ऐतिहासिक ही लिखी थी । वह थी पवित्र नगर बनारस जो सन 1905 ई0 मे प्रकाशित हुई । उनका दूसरा इतिहास विषयक ग्रंथ भारत मे आर्यों का शासन सन 1918 ई0 मे प्रकाशित हुआ ।
हैवल ने कला समीक्षा के लिए एक ऐसे गध शिल्प का विकास किया जो कथ्य की दृष्टि से तो समृद्ध था ही साथ ही उसमे भारतीय कला परंपरा की संवेदनशील काव्यात्मकता भी मौजूद थी ।
इस प्रकार ई0वी0 हैवल ने भारतीय लघु चित्रो प्राचीन मूर्तिशिल्पों तथा अन्य कलाकृतियों की समालोचना करते हुए अपनी मौलिक कल्पना एवं विवेचना शक्ति की काम मे लिया ओर उसे नए शब्दो नई भाषा से समृद्ध किया । क्ला समीक्षा को भी नए आयाम दिये ,जिससे दर्शको एवं पाठको के सामने उसका महत्व दर्शा सके ।
ई0वी0 हैवल की पुस्तके –
- पहली historical book पवित्र नगर बनारस 1905 मे ।
- दूसरी book भारत मे आर्यों का शासन 1918 मे
- भारतीय मूर्तिकला एवं चित्रकला 1908
- भारतीय कला के आदर्श 1912।
- भारतीय कला मे हिमालय 1904 ।
- दा बंगाल पट ।
- इंडियन आर्किटेक्चर
- हैंड बुक ऑफ इंडियन आर्ट 1924
- इंडियन स्कल्पचर एण्ड पेंटिंग
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