आएये जानते है जोगीमारा गुफा का इतिहास
जोगीमारा की गुफा कहा स्थित है ?
स्थिति –
जोगीमारा का समय 300 ईसापूर्व डॉ ब्लॉक ने माना है
100 ईसापूर्व सर जॉन मार्शल ने माना है प्रथम शताब्दी ई . पू . ( डॉ स्मिथ ) ने माना है
रायकृष्ण दास ने इसे जैन मंदिर कहा है
जोगीमारा की गुफा की खोज डॉ ब्लॉक ने 1904 मे की थी।
जोगीमारा गुफा किस नदी पर स्थित है ?
जोगीमारा गुफा नर्मदा नदी के उद्गम स्थल पर स्थित है
जोगीमारा गुफा को स्थानीय लोग बंग्ला या बोंगरा कहते है
इसको 10 वी शताब्दी मे डंडोर तथा रामायण काल मे झारखंड कहा जाता है ।
इसकी माप – 10*6*6 फीट की है सर्वाधिक प्राचीन चित्र जोगीमारा गुफा के ही माने जाते है जोगीमारा गुफा को पहले एक सतनुका देवदासी का निवास स्थान समझा जाता था । बाद मे प्राप्त शिलालेख के अनुसार यह अरुण देवता का मंदिर था ,जैन धर्म का इनकी कला पर प्रभाव पड़ा ।
सतनुका देवदासी रंगशाला के रूपदक्ष देवदीन से प्रेम मे थी नाट्यशाला के अधिकारियों के विरोध का कोपभजन होना पड़ा फिर इस वियोग मे अपना जीवन बिताना पड़ा रूपदक्ष देवदीन इस प्रेम प्रसंग को सीताबोंगरा की भित्ति पर अभिलेख के रूप मे सदेव के लिए अंकित करा दिया ।
जोगीमारा गुफा मे 7 या 8 चित्र ही मिलते है वो भी छट पर बने है ,।
1914 मे क्षेमेन्द्र्नाथ ओर असित कुमार हल्दार ने प्रतिलिपि तैयार की थी ।
सतनुका देवदासी ने चित्रो का निर्माण किया था । जोगीमारा गुफा के चित्रो का रहस्य ये है की असली चित्रो के ऊपर सफ़ेद रंग पोतकर पुराने चित्रो को दुबारा बनाने का प्रयास किया गया ।
जोगीमारा गुफा के पास अन्य गुफाये
1 सीता बोंगरा लांगड़ा गुफा ( एशिया की अति प्राचीन नाट्यशाला) सीता बोंगरा के ही पास एक सुगम मार्ग है ,जिसे हाथी पोल कहते है । इसकी लंबाई लगभग 180 फीट है इसका प्रवेश द्वार लगभग 55 फीट ऊंचा है । इसके अंदर से ही इस पार से उस पार तक एक नाला बहता है इस सुरंग मे हाथी आसानी से आ जा सकता है इसीलिए इसे हाथी पोल कहा जाता है । सुरंग के भीतर ही पहाड़ से रिसकर एव अन्य भोगोलिक प्रभाव के कारण एक शीतल जल का कुंड बना हुआ है ।
2 लक्ष्मण बोंगरा ( एक किवदंती के अनुसार लक्ष्मण यंहा वनवास के दोरान राम सीता की रखवाली करते थे ।)
3 वसिष्ठ गुफा
4 कबीरा चौरा
5 पोरी देवरी
6 सिंह द्वार
7 रावण द्वार ( रावण , कुभकरण ,नर्तकियों की मूर्ति )
जोगीमारा की गुफा के चित्र
1 कमल युक्त सरोवर
2 कुछ व्यक्ति पेड़ के नीचे वार्तालाप करते हुए
3 पुष्प के ऊपर न्रत्य करता हुआ युगल
4 अनुपात रहित मनुष्य जिसके सर पर चोंच है साथ मे पक्षी बना है ।
5 न्रत्यांगना गायक तथा नर्तको के झुंड मे बैठी हुए
6 प्राचीन ढंग का रथ
7 ग्रीक रथो के समान भवन बनाए गए है
क्षेमेन्द्र्नाथ ओर असित कुमार हल्दार ने 7 चित्रो को खंडित अवशेष को उल्लेखित किया है ।
जोगीमारा गुफा के चित्रांकन की विधि है ( दूसरे स्तर के वर्तमान चित्र )
सफ़ेद प्रष्ठभूमि पर लाल से चित्र बनाए गए है सीमांकन (काले रंग ) हाशिये पीले रंग के है जोगीमारा गुफा की आकृतिया बौनी या अनुपात हीन है ।
रचना शैली -भरहुत ओर सांची से मेल खाती है । रामगढ़ की पहाड़ियो मे हर साल चैत्य रामनवमी एक मेले का आयोजन होता है जोगीमारा गुफा का चित्रण विषय ग्राम्य जीवन है
भारतीय पुरातत्व संग्रहलया नई दिल्ली मे जोगीमारा गुफा की आकृतिया संग्रहीत है ।
हमारी जानकारी आपको कैसी लगी कृपया कमेंट करके जरूर बताए
इन्हे भी पढे –
- छापा कला क्या है ?,छापाकला का विकास कब से प्रारम्भ हुआ,छापा कला कितने प्रकार की है ,मूर्तिकला (मूर्ति बनाने के विधिया
- भारत मे स्थित स्थलो के खोजकर्ता एव समय
- भारत मे स्थित प्रमुख राष्ट्रीय संग्रहालय टीजीटी , पीजीटी आर्ट , यूपीएससी ओर अन्य exam के लिए महत्वपूर्ण जानकारी 2023 update
- चित्रकला के तत्व
- भारत के महत्वपूर्ण कला ग्रुप
- भारत की कला संबन्धित पुस्तक व लेखक ,भारतीय चित्रकार ,भारतीय मूर्तिकार ,प्रिंटमेकर कलाकार
- भारत के प्रमुख वाद , विश्व के प्रमुख वाद ,प्रमुख यूरेपियन शैलिया का उदय, भारत के घनवादी कलाकार
- भारतीय चित्रकारों द्वारा बनाए गए चित्र श्रंखला, भारतीय चित्रकारों के नाम व उनको दी गई उपाधि व उपनाम , भारत के प्रमुख नगर एव उनके वास्तुकार
- भारत के प्रमुख कार्टूनिस्ट,अशोक के शिलालेख,भारत के महत्वपूर्ण मन्दिर ,भारत के प्रमुख दर्शनीय स्थल
- भारत मे स्थित स्थलो के खोजकर्ता एव समय
- कला के क्षेत्र मे भारत रत्न, पदम विभूषण ,पदम भूषण ,पदम श्री ,कालिदास सम्मान ,से सम्मानित कलाकार
- महत्वपूर्ण ग्रंथ व लेखक के नाम
- पहाड़ी चित्रकला शैली (1700-1900)ई0 उप शैलिया, उत्कर्ष काल ,एव सम्पूर्ण पहाड़ी शैली कि विशेषताए
- मण्डी शैली
- कुल्लू शैली
- कांगड़ा शैली
- चम्बा शैली के चित्रकार ,विषय वस्तु , एव विशेषताए
- बसोहली शैली का चरमोत्कर्ष काल ,चित्रो कि खोज, प्रमुख चित्रकार ,विषय वस्तु एव विशेषताए
- गुलेर शैली कि स्थापना ओर प्रमुख चित्रकार , एव विशेषताए 2023 update
- सिंधु घाटी की सभ्यता (the indus valley civilization )3500 ईसा पू0 से 2500 ईसा पू0 टीजीटी, पीजीटी art ,upsc exam के लिए 2023 अपडेट
- https://studyglob.com/
- अजंता की गुफाये (200 ईसा पूर्व से 650 ईस्वी तक ) टीजीटी,पीजीटी ,upsc,net ,jrf तैयारी के लिए 2023 अपडेट
- एलोरा गुफा ( राष्ट्रकूट काल 4 वीं शती -12 वीं शती ) tgt ,पीजीटी, upsc व अन्य इतिहास की जानकारी के लिए 2023अपडेट
- जोगीमारा की गुफा मौर्यकालीन गुफा 300 ईसापूर्व tgt,pgt,upsc व अन्य सरकारी नौकरी के लिए 2023 update
- सिततनवासल की गुफा (पांडव काल ) 7 वीं शताब्दी से 9 वीं शती ( टीजीटी ,पीजीटी ,यूपीएससी net ,jrf की महत्वपूर्ण जानकारी के लिए 2023 अपडेट )
- बाघ गुफा (बौद्ध कालीन 200 ईसा पूर्व से 600 ईशवी ) 2023 अपडेट
- एलिफैण्टा की गुफा ( 600 ई. से 900 ई . ) का रोचक इतिहास 2023 update tgt pgt art ke liye जरूर पढ़ें
- बादामी गुफा ( चालुक्य काल ) 650-1000 ई. tgt,pgt, upsc exam के लिए महत्वपूर्ण जानकारी 2023 अपडेट
- भीमबेटिका गुफा टीजीटी,पीजीटी,art ,upsc ,नेट,jrf exam के लिए महत्वपूर्ण 2023 update
- कला के तकनीक माध्यम
- कला के तत्व ,कला के कितने भाग होते हैं? चित्रकला का कौन-सा तत्व सबसे महत्वपूर्ण है और क्यों?
- चित्रकला षडांग ,भारतीय चित्रकला के 6 अंग
- कला का अर्थ , कला के प्रकार ,कला की परिभाषा
- संयोजन के सिद्धान्त व परिप्रेक्ष्य
- भारतीय चित्रकला का इतिहास
- राजस्थानी शैली
- मेवाड़ शैली
- मारवाड़ शैली
- हाड़ौती शैली
- ढूँढार शैली
- मुगल काल ,जंहागीर काल शाहजंहा ,औरगजेब
- मुगलकालीन चित्रकला
- नाथद्वार शैली
- बंगाल शैली अवनीन्द्रनाथ टैगोर
- गुजराती शैली, अपभृंश शैली
- कम्पनी शैली
- राजा रवि वर्मा
- बंगाल शैली अवनीन्द्रनाथ टैगोर
- गगेन्द्रनाथ टैगोर
- ई0वी0 हैवल
- असित कुमार हल्दार
- नंदलाल बसु
- देवी प्रसाद राय चौधरी
- शैलेंद्र नाथ डे
- यामिनी राय
- क्षितिंद्रनाथ मजूमदार
- के.वेंकटप्पा
- मुकुल चन्द्र डे
- रबीन्द्रनाथ टैगोर Rabindranaath taigore
- अब्दुर रहमान चुगताई Abdur Rahman Chugtai
- अमृता शेरगिल Amrita Shergil