क्षितिंद्रनाथ मजूमदार
क्षितिंद्रनाथ का जन्म 31 जुलाई 1891 पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के निमतीता नामक गाँव मे हुआ था ।
इनके पिता श्री केदारनाथ मजूमदार रजिस्ट्रार थे ।
भावो का सम्राट क्षितिन्द्र्नाथ को कहा जाता है ।
वैष्णो चित्रकार क्षितिंद्रनाथ को कहा जाता है ।
वायसराय लेडी हार्डिंग्ज ओर लार्ड हार्डिंग्ज ने क्षितिंद्रनाथ चित्रकार के चित्रो को खरीदा था ।
अवनींद्रनाथ ने क्षितिंद्रनाथ को चैतन्य सिद्ध की उपाधि दी थी ।
1904 मे कलकत्ता कला विध्यालय मे इन्होने अवनीन्द्रनाथ से शिक्षा ग्रहण की ओर इनके शिष्य बने ।
क्षितिंद्रनाथ मजूमदार के कुल सृजन मे लगभग 10 हजार कलाकृतिया शामिल है जो पेंटिंग्स ,ड्राविंग्स ओर ग्राफिक्स है ।
इनकी प्रारम्भिक कला शिक्षा गवर्नमेंट स्कूल ऑफ आर्ट कलकत्ता मे हुई थी ।
क्षितिंद्रनाथ मजूमदार के कला गुरु अवनींद्रनाथ ठाकुर थे ।
क्षितिंद्रनाथ मजूमदार इलाहाबाद विश्वविध्यालय मे कला अध्यापक रहकर बंगाल शैली को बढ़ावा दिया
क्षितिंद्रनाथ का प्रथम चित्र जिसे अंग्रेज़ अधिकारी ने खरीदा था,16 वर्ष की आयु मे बालक ध्रुव की तपस्या ,इस चित्र की लोगो ने काफी प्रशंसा की जिसे 80 रुपये मे खरीदा था ।
दूसरा चित्र राधा का अभिसार (जलरंग )मे 100 रूपये मे रोथेंस्टीन ने खरीदा।
शांति निकेतन मे कला की 6 वर्ष तक शिक्षा ग्रहण की थी तथा बाद मे इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरियंटल आर्ट के अध्यापक बने तथा बाद मे प्राचार्य पद ग्रहण किया ।
इलाहाबाद विश्व विध्यालय मे चित्रकला की शिक्षा का आरंभ क्षितिंद्रनाथ मजूमदार द्वारा 1 सितम्बर 1942 ई0 को हुआ ।
क्षितिंद्रनाथ मजूमदार 62 वर्ष की आयु मे सेवा निवृत्त हुए थे ।
वर्ष 1942 मे इलाहाबाद विश्व विध्यालय के चित्रकला विभाग के प्रथम विभागाध्यक्ष के पद पर नियुक्त हुए तथा वर्ष 1965 तक यंहा शिक्षण कार्य किया ।
इन्होने वंहा पर एक नया कला विभाग प्रारम्भ किया जिसके अध्यक्ष ये स्वंय थे इनके पास P.G. की डिग्री न होने कारण प्रधानाध्यापक का ग्रेड न पा सके
1953 ई0 मे Bengal congres committee द्वारा इन्हे अशोक स्तम्भ पुरुस्कार से सम्मानित किया गया ।
9 फरवरी 1975 ई0 को इनकी मृत्यु इलाहाबाद मे हो गई ।
बंगाल शैली एकमात्र कलाकार जो वैष्णव जन की तरह अपनी कलाकृतिया मे राधा कृष्ण का ही चित्रांकन करते थे ।
क्षितिंद्रनाथ के चित्रो का विषय वैष्णव संप्रदाय राधा कृष्ण /चैतन्य था ।
क्षितिंद्रनाथ को सच्चा वैष्णव कलाकार कहा जाता है ।
क्षितिंद्रनाथ का सर्वश्रेष्ट चित्र चैतन्य का गृहत्याग है ।
क्षितिंद्रनाथ गीत गोविंद पुस्तक को आधार मानकर चित्र शृंखला बनाई थी
क्षितिंद्रनाथ कलकत्ता मे चित्रो की प्रदर्शिनी 1963 ई0 मे लगाए थे ।
मजूमदार बनारस मे चित्रो की प्रदर्शिनी 1949 -1964 ई0 मे लगाए थे ।
क्षितिंद्रनाथ मजूमदार का चित्र गणेश को महाभारत लिखते वेदव्यास भारत कला भवन संग्रहालय मे है ।
क्षितिंद्रनाथ मजूमदार चित्रकार अपने चित्र के पृष्ठ भूमि मे वृक्षो का अंकन अधिक करता था ।
क्षितिंद्रनाथ मजूमदार गीत गोविंद के चित्रो को इंडियन प्रेस इलाहाबाद से प्रकाशित कराया था ।
क्षितिंद्रनाथ मजूमदार चित्रकार मीराबाई ओर रूप गोस्वामी का चित्र बनाया था ।
क्षितिंद्रनाथ मजूमदार की चित्रण शैली को जलरंग ,टेम्परा पद्धति की संज्ञा दी जाती है ।
क्षितिंद्रनाथ के प्रिय रंग –
हल्का पीला ,हरा ,लाल ,गेरुआ
चित्रण कार्य – वॉश ओर टेम्परा
क्षितिंद्रनाथ मजूमदार की प्रमुख चित्राकृतिया –
क्षितिंद्रनाथ मजूमदार अक्सर कहा करते थे –‘’चित्रकला तो मेरे लिए आत्मिक शांति की वस्तु है । हृदय की अनुराग की वस्तु जिसमे विकास जरूरी होता है किन्तु परिवर्तन नहीं ,मुझे वैष्णव धर्म ने प्रभावित किया । चैतन्य महाप्रभु ,मीरा तथा ध्रुव की भक्ति मे ,मन को चैन मिला । राधा भाव से मन की शांति मिली । कृष्ण ओर राधा ही मेरे जीवन के सत्य रहे , उसमे कभी कोई परिवर्तन नहीं हुआ । उन्होने चैतन्य से जीवन प्रसंग की जो शृंखला तैयार की वह अत्यंत कारुणिक ओर मर्मस्पर्शी है । जैसे –
- चैतन्य का गृह त्याग
- गुरु के द्वार पर
- चैतन्य की चटशाला
- संत के रूप मे
- प्रभु हरिदास अंतिम अवस्था
- पालित मृग
- कृष्ण प्रेम मे विभोर
- चरण शृंगार
- भक्ति ओर वैराग्य
इनके अधिकांश चित्रो मे संतो का चित्रण होने के कारण इन्हे संत चित्रकार भी कहा जा सकता है ।
- क्षितिंद्रनाथ मजूमदार ने शिक्षा कहाँ से प्राप्त किया था ।
-शांति निकेतन कलकत्ता
- 16 वर्ष की आयु मे कौन चित्रकार ध्रुव नामक चित्र बनाया था ।
-क्षितिंद्रनाथ मजूमदार
- क्षितिंद्रनाथ मजूमदार के चित्रो का माध्यम क्या था ।
-वॉश पद्धति ओर टेम्परा
- क्षितिंद्रनाथ मजूमदार के चित्रो का विषय क्या है ।
-वैष्णव संप्रदाय (राधा कृष्ण /चैतन्य)
- 1912 -30 ई0 तक क्षितिंद्रनाथ मजूमदार कहाँ के अध्यापक बनाए गए ।
-इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरियंटल आर्ट ,कलकत्ता
- किस चित्रकार ने बिहार के एक ड्रामा समूह ‘यात्रा दल’ के लिए मंच सज्जा का काम किया
-क्षितिंद्रनाथ मजूमदार
- क्षितिंद्रनाथ मजूमदार ने ‘श्री कृष्ण लीला गायन’ का प्रशिक्षण किससे लिया ।
-नवदीप बृजवासी
- क्षितिंद्रनाथ मजूमदार का चित्र ‘वूमेन प्लकिंग फ्लावर्स’ (वॉश एवं टेम्परा) कहाँ सुरक्षित है ।
-राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय , नई दिल्ली
- क्षितिंद्रनाथ मजूमदार के सर्वाधिक 8 चित्र कहाँ सुरक्षित है ।
-इलाहाबाद संग्रहालय ,
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