आइए जानते है एलोरा गुफा के बारे कुछ महत्वपूर्ण व रोचक तथ्य जो एक पहाड़ी को सुंदर ढंग से काटकर 900 वर्षो मे तैयार हुई
एलोरा की गुफा कहा स्थित है ?
स्थिति —
एलोरा की गुफाये महाराष्ट्र राज्य के ओरंगाबाद जिले से 29 किलोमीटर तथा अजंता से 135 किलोमीटर दूरी पर स्थित है । यंहा से प्राप्त उत्कीर्ण शिलालेख के अनुसार इसका प्राचीन नाम ‘एलापुर अंचल ‘ था । कुछ स्थानीय लोग इसे ‘वेरुल ‘ नाम से भी संबोधित करते है व इसे ‘एलोरा ‘ नाम से संबोधित किया जाता है । भारत मे जो ख्याति ‘अजंता ‘ की है , वही ‘एलोरा ‘ की भी है ।
एलोरा की गुफा बौद्ध , ब्राह्मण , जैन धर्म से संबन्धित है ।
एलोरा का प्राचीन नाम – एलापुर अंचल , वेरुल भी था ।
एलोरा की गुफा 1983 मे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोवर मे शामिल की गई ।
राष्ट्रकूट का प्रथम राजा दंतिदुर्ग था ओर अंतिम राजा कार्क था ।
इतिहास पश्चिमी दाखिक्णी ने चालुक्य के बाद राष्ट्रकूट शासको की सत्ता स्थापित हुए , जो चालुक्य के सामान ही स्थापत्य एव मूर्तिकला के महान प्रश्रयदाता थे । राष्ट्रकूट वंश के सष्ठापक शासको मे ‘ दंतिदुर्ग प्रथम ने लगभग (735-755) मे चालुक्य को पराजित कर स्वतंत्र ‘ राष्ट्रकूट सत्ता ‘ की स्थापना की ओर ‘मान्यखोट ‘ ( मालखेड़ा , कर्नाटक ) को अपनी राजधानी बनाया । दंतिदुर्ग के बाद उसका चाचा ‘ कृष्ण प्रथम ‘ ( 756- 72 ई . ) शासक हुआ , जो राष्ट्रकूट वंश का प्रतापी शासक था ओर इसी के काल मे एलोरा का विश्व प्रसिद्ध कैलाश मंदिर का निर्माण हुआ ।
एलोरा मे कुल कितनी गुफाये है ?
एलोरा मे कुल 34 गुफा है
गुफा संख्या 1से 12 तक बौद्ध धर्म से संबन्धित गुफा है जिनका समय (350 ई . -700 ई .)
गुफा संख्या 13 से 29 तक ब्राह्मण धर्म से संबन्धित गुफा है जिनका समय ( 8वीं – 10वीं शती )
गुफा संख्या 30से 34 तक जैन धर्म से संबन्धित गुफा है जिनका समय ( 9 वीं – 12वी शती )
ये सारी गुफाये चट्टानों को काटकर 900 वर्षो मे बनकर तैयार हुए ।
एलोरा की गुफाओ के नाम ——
6 वीं गुफा का नाम अवलोकितेश्वर है । इस मे हिन्दू देवी सरस्वती की प्रतिमा है , जिसे कुछ विद्वान महापुरुष की प्रतिमा बताते है । यंहा पर सात मानसों बुध्दों की प्रतिमाए बोधिव्रक्ष के साथ बनाई गयी है ।
10वीं गुफा का नाम सुतार झोपड़ी है जो एक चैत्य गुफा है ।
11वीं तीन ताल गुफा
12वीं तीन थाल
14वीं का नाम रावण की खाई ।
`15 वीं गुफा का नाम दशावतार है , जो दंतिदुर्ग द्वितया ने बनवाई थी ।
16वीं गुफा का नाम कैलाश है जो कृष्ण प्रथम ने बनवाई थी ।
19 वीं गुफा का नाम साप्त मात्रिकाओ है ।
21 वीं का नाम रामेश्वर है । इस गुफा मे आम व्र्क्ष के नीचे टोड्डो एव वितानो पर नारी आकृतीय का अंकन उल्लेखनीय है, जो मात्रशक्ति या प्रजनन से संबन्धित है । इस गुफा मे केवल शिव व शक्ति के ही विभिन्न रूपो की मूर्तिया है ।
29 वीं का नाम सीता हरणी है । इस गुफा मे शैव , वैष्णव एव शाक्त सम्प्रदायो की देवी की मूर्तिया मिली है , जिनमे रावणाग्रह , नरेश,शिव -पार्वती परिणय ,दुर्गा , सरस्वती ओर यमुना की है ।
जैन गुफाये
30 वीं का नाम छोटा कैलाश है जो जैन धर्म से संबन्धित है ।
32 वी का नाम इंद्रसभा है , जो दो मंजिली है ।
33 वीं का नाम जगन्नाथ सभा है ।
(गुफा 16 मे कैलाश मंदिर है जो एलोरा की जान है )
सबसे पहले पहाड़ के एक चोकोर खंड को तीन ओर की खाइयो से काटकर अलग किया गया ओर फिर उस चोकोर पहाड़ को ऊपर से तराशकर क्रमश नीचे लाया गया । इस प्रक्रिया मे सबसे पहले मंदिर का शीर्ष भाग निर्मित किया ज्ञ ओर नीचे वाला भाग बाद मे बनाया गया ।
कैलाश मंदिर एक आयताकार प्रांगण मे अत्यंत ऊंची कुर्सी (25) फीट पर खड़ा है , जिसके किनारे -किनारे विशाल हाथियो की पंक्ति बनी है । इससे ऐसा प्रतीत होता है , मानो सम्पूर्ण मंदिर इन्ही हाथियो की पीठ पर टीका है ।
1 नटराज की एक आकर्षक चतुरा मुद्रा मे मूर्ति है
2 कमाल पुष्प -पत्र के आलंकारिक आलेखन मे हस्ति आकृति
3 लक्ष्मी नारायण गरुड़ो पर सवारी करते हुए
4 बादलो मे विचरते विध्यधर
5 युद्ध दृश्य
6 रावन द्वारा कैलाश पर्वत को उठाया हुए
( कैलाश मंदिर)
इसका निर्माण राष्ट्रकूट राजा कृष्ण प्रथम ने करवाया था ।
एकशमक शैली मे बना मंदिर है जिसकी लंबाई 143, चौड़ाई 21, फीट व 100 फीट ऊँचा है।
756 -773 ई .के बीच मे बना मंदिर है ।
276*154 फीट मंदिर के प्रांगण की ल0 च0 तथा 16 खम्भो पर टीका है ।
(गुफा 15 के चित्र दशावतार)
उमा महेश्वर
अर्ध्नारीश्वर
अंधकासुर
कल्याण सुंदर
(एलोरा गुफा की विशेषताए )
यह गुफा पूर्व मध्यकाल का प्रीतिनिधित्व करती है ।
अंतिम मे अपभ्रंश शैली के लक्षण दिखाई पड़ते है ।
सवा चश्म चेहरे , नुकीली नाक परलेगाल से बाहर निकली आंखे ।
गुफा संख्या 31,32,33 मे 31 मूर्तिया है पाशर्वनाथ ,महावीर स्वामी तथा 17 मूर्तिया गोमतेश्वर बाहुबली की है ।
कैलाश मंदिर मे वेसर शैली के कुछ लक्षण है ।
एलोरा गुफा स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है ,
एलिफंटा गुफा मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है ।
हमारी जानकारी आपको कैसी लगी कृपया कमेंट मे जरूर बताए
धन्यवाद
इन्हे भी पढे –
- छापा कला क्या है ?,छापाकला का विकास कब से प्रारम्भ हुआ,छापा कला कितने प्रकार की है ,मूर्तिकला (मूर्ति बनाने के विधिया
- भारत मे स्थित स्थलो के खोजकर्ता एव समय
- भारत मे स्थित प्रमुख राष्ट्रीय संग्रहालय टीजीटी , पीजीटी आर्ट , यूपीएससी ओर अन्य exam के लिए महत्वपूर्ण जानकारी 2023 update
- चित्रकला के तत्व
- भारत के महत्वपूर्ण कला ग्रुप
- भारत की कला संबन्धित पुस्तक व लेखक ,भारतीय चित्रकार ,भारतीय मूर्तिकार ,प्रिंटमेकर कलाकार
- भारत के प्रमुख वाद , विश्व के प्रमुख वाद ,प्रमुख यूरेपियन शैलिया का उदय, भारत के घनवादी कलाकार
- भारतीय चित्रकारों द्वारा बनाए गए चित्र श्रंखला, भारतीय चित्रकारों के नाम व उनको दी गई उपाधि व उपनाम , भारत के प्रमुख नगर एव उनके वास्तुकार
- भारत के प्रमुख कार्टूनिस्ट,अशोक के शिलालेख,भारत के महत्वपूर्ण मन्दिर ,भारत के प्रमुख दर्शनीय स्थल
- भारत मे स्थित स्थलो के खोजकर्ता एव समय
- कला के क्षेत्र मे भारत रत्न, पदम विभूषण ,पदम भूषण ,पदम श्री ,कालिदास सम्मान ,से सम्मानित कलाकार
- महत्वपूर्ण ग्रंथ व लेखक के नाम
- पहाड़ी चित्रकला शैली (1700-1900)ई0 उप शैलिया, उत्कर्ष काल ,एव सम्पूर्ण पहाड़ी शैली कि विशेषताए
- मण्डी शैली
- कुल्लू शैली
- कांगड़ा शैली
- चम्बा शैली के चित्रकार ,विषय वस्तु , एव विशेषताए
- बसोहली शैली का चरमोत्कर्ष काल ,चित्रो कि खोज, प्रमुख चित्रकार ,विषय वस्तु एव विशेषताए
- गुलेर शैली कि स्थापना ओर प्रमुख चित्रकार , एव विशेषताए 2023 update
- सिंधु घाटी की सभ्यता (the indus valley civilization )3500 ईसा पू0 से 2500 ईसा पू0 टीजीटी, पीजीटी art ,upsc exam के लिए 2023 अपडेट
- https://studyglob.com/
- अजंता की गुफाये (200 ईसा पूर्व से 650 ईस्वी तक ) टीजीटी,पीजीटी ,upsc,net ,jrf तैयारी के लिए 2023 अपडेट
- एलोरा गुफा ( राष्ट्रकूट काल 4 वीं शती -12 वीं शती ) tgt ,पीजीटी, upsc व अन्य इतिहास की जानकारी के लिए 2023अपडेट
- जोगीमारा की गुफा मौर्यकालीन गुफा 300 ईसापूर्व tgt,pgt,upsc व अन्य सरकारी नौकरी के लिए 2023 update
- सिततनवासल की गुफा (पांडव काल ) 7 वीं शताब्दी से 9 वीं शती ( टीजीटी ,पीजीटी ,यूपीएससी net ,jrf की महत्वपूर्ण जानकारी के लिए 2023 अपडेट )
- बाघ गुफा (बौद्ध कालीन 200 ईसा पूर्व से 600 ईशवी ) 2023 अपडेट
- एलिफैण्टा की गुफा ( 600 ई. से 900 ई . ) का रोचक इतिहास 2023 update tgt pgt art ke liye जरूर पढ़ें
- बादामी गुफा ( चालुक्य काल ) 650-1000 ई. tgt,pgt, upsc exam के लिए महत्वपूर्ण जानकारी 2023 अपडेट
- भीमबेटिका गुफा टीजीटी,पीजीटी,art ,upsc ,नेट,jrf exam के लिए महत्वपूर्ण 2023 update
- कला के तकनीक माध्यम
- कला के तत्व ,कला के कितने भाग होते हैं? चित्रकला का कौन-सा तत्व सबसे महत्वपूर्ण है और क्यों?
- चित्रकला षडांग ,भारतीय चित्रकला के 6 अंग
- कला का अर्थ , कला के प्रकार ,कला की परिभाषा
- संयोजन के सिद्धान्त व परिप्रेक्ष्य
- भारतीय चित्रकला का इतिहास
- राजस्थानी शैली
- मेवाड़ शैली
- मारवाड़ शैली
- हाड़ौती शैली
- ढूँढार शैली
- मुगल काल ,जंहागीर काल शाहजंहा ,औरगजेब
- मुगलकालीन चित्रकला
- नाथद्वार शैली
- बंगाल शैली अवनीन्द्रनाथ टैगोर
- गुजराती शैली, अपभृंश शैली
- कम्पनी शैली
- राजा रवि वर्मा
- बंगाल शैली अवनीन्द्रनाथ टैगोर
- गगेन्द्रनाथ टैगोर
- ई0वी0 हैवल
- असित कुमार हल्दार
- नंदलाल बसु
- देवी प्रसाद राय चौधरी
- शैलेंद्र नाथ डे
- यामिनी राय
- क्षितिंद्रनाथ मजूमदार
- के.वेंकटप्पा
- मुकुल चन्द्र डे
- रबीन्द्रनाथ टैगोर Rabindranaath taigore
- अब्दुर रहमान चुगताई Abdur Rahman Chugtai
- अमृता शेरगिल Amrita Shergil
- हेलेनिस्टिक युग (Hellenistic Period )
- शास्त्रीय युग (classical Period )
- क्रीटन माइसीनियन तथा यूनानी कला
- मेसोपोटामिया की कला
- मिस्त्र की कला
- सल्तनत कला
- वैदिक कला
- भूपेन खक्खर
- सोमनाथ होर Somnath Hor