के.के. हैब्बर (कन्ट्टिगिरी कृष्ण हैब्बार )
के.के. हैब्बार का जन्म 1912 ई0 मे कर्नाटक के कन्ट्टिगिरी गाँव मे हुआ था ।
इनकी मृत्यु 1996 ई0 मे हुई थी ।
मुगल व राजपूत कला से प्रभावित होकर उनके चित्रो मे भारतीय परंपरागत शैली की लयबद्ध रेखाए, यथार्थवाद व पाश्चात्य आधुनिक अंकन पद्धतियों का समन्वित रूप है । उनके चित्रो मे प्राय ग्रामीण जीवन के साथ –साथ निर्धनों, श्रमिकों तथा साधारण लोगो के कार्यकलापों का प्रयाप्त अंकन हुआ है । इनके प्रसिद्ध चित्रो मे मुर्गे की लड़ाई ,ब्रज, श्रीनगर तथा टाइल फ़ैक्टरी है ।
के.के. हैब्बार ने कला की शिक्षा नूतन कला मंदिर मुम्बई से प्राप्त की ।
के.के. हैब्बार ने कला मे डिप्लोमा 1934 ई0 से 1938 ई0 के मध्य सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स मुम्बई से किया था ।
‘आर्ट नाऊ इंडिया’ मे के.के. हैब्बार पहली बार अंतराष्ट्रीय स्तर पर दर्शको का दिल जीत लिया जिसका आयोजन ब्रूसेल्स ओर लंदन मे 1965 ई0 मे किया गया ।
हैब्बार की प्रसिद्धि लयात्मक रेखांकन से रही ।
लय की अनुभूति प्राप्त करने के लिए के.के. हैब्बार ने आचार्य पंडित सुंदर लाल से नृत्य कला की शिक्षा प्राप्त की ।
के.के. हैब्बार की कला पर पॉल, गागिन व अमृता शेरगिल का प्रभाव था ।
के.के. हैब्बार यूरोप की यात्रा किए थे ।
‘माहिम दरगाह’ (1958 ई0 कैनवास पर तैल ) के.के. हैब्बार का चित्र है ।
के.के. हैब्बार का ‘अंधकार के पार’ कैनवास पर तैल चित्र राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली मे है ।
1981 से 1984 ई0 के मध्य ललितकला अकादमी के अध्यक्ष के.के. हैब्बार रहे ।
भारत सरकार ने के.के. हैब्बार को पदम श्री से 1961 मे नवाजा गया ।
भारत सरकार ने कला मे हैब्बार के योगदान के लिए पदमभूषण से 1989 ई0 मे सम्मानित किया ।
के.के. हैब्बार को महाराष्ट्र सरकार ने गौरव पुरुस्कार 1990 ई0 मे दिया ।
सोवियत लैंड नेहरू पुरुस्कार के.के. हैब्बार को दिया गया था ।
के.के. हैब्बार ‘बॉम्बे ग्रुप’ से जुड़े हुए थे
‘बॉम्बे ग्रुप’ की स्थापना 1957 ई0 मे मुम्बई मे हुई थी ।
के.के. हैब्बार कलाकार ‘बॉम्बे ग्रुप’ का नेता था ।
बॉम्बे ग्रुप के सदस्य थे –
- के.के. हैब्बार
- आरा
- गाड़े
- चावडा
- कुलकर्णी
- गोयतोंडे
- मोहन सामंत
- पल्सीकर
- बाबू राव सादलवकर
- हर किशन लाल
- अकबर पदमसी
- जंहागीर सब्बावाला
- तैयब मेहता
- बद्री नारायम
- होमी पटेल
- अम्बा दास
बॉम्बे ग्रुप के कलाकारो ने ‘अमूर्त अभिव्यंजनावाद’ कलावाद को अधिक महत्व दिया
बॉम्बे ग्रुप मे कुल 6 प्रदर्शिनियो का आयोजन किया ।
‘बॉम्बे ग्रुप’ निष्क्रिय 1962 ई0 मे निष्क्रिय हो गया ।
के.के. हैब्बार द्वारा निर्मित ‘डॉ राजेंद्र प्रसाद एड्रेसिंग द कान्स्टीटवेंट असेंबली’ (कैनवास पर तैल) शीर्षक चित्र राष्ट्रपति भवन संग्रहालय नई दिल्ली मे सुरक्षित है ।
सशक्त रेखांकन के लिए अंतिम दिनो की चित्र रेखात्मक शैली है ।
के.के. हैब्बार के रेखाचित्रों का संग्रह भारत कला भवन, वाराणसी मे है ।
के.के. हैब्बार किस-किस कॉलेज के अध्यक्ष बने ।
- ललित कला अकादमी नई दिल्ली
- बॉम्बे आर्ट सोसाइटी मुम्बई
- आर्ट सेंटर मुम्बई
- ललित कला अकादमी कर्नाटक
- आर्ट सोसाइटी ऑफ इण्डिया
के.के. हैब्बार के प्रसिद्ध चित्र –
- फल बेचने वाले
- फ़्लड
- मछवारे
- मजदूर
- किसान
- कविता का जन्म 1966
- क्रूअल समर
- सनी साउथ 1946
- टू मैडेनहुड़ 1947
- रेफ्यूजीज 1971
- बैगर 1948
- एट्रोसिटीज़ 1972
- मुर्गे की लड़ाई 1959 तैल रंग
- धान कूटते हुए
- टाइल फ़ैक्टरी
- भिखारी
- श्रद्धा
- भारतीय नृत्य
- साधू
- फेस्टिवल इन ए स्लम
- तमाशा लोकनृत्य
- वीणा
- बांग्लादेश का जन्म
- प्रवाह
- श्रद्धा
- अज्ञात की ओर
- खोज
- संगीत
- होली
- दीपावली
- अजंता
- माँ-बेटी
- श्रमिक
- पनघट
- मयूर
- यमुना पर
- सांझ
- विवाह उत्सव