के.वेंकटप्पा
के.वेंकटप्पा का जन्म 28 जून 1886 को मैसूर (कर्नाटक )मे पारंपरिक चित्रकार परिवार मे हुआ था ।
इनकी मृत्यु 26 मई 1965ई0 मे अस्वस्थता के रहते हुए के वेंकटपा का निधन हो गया । 1957 ई0 मे बनाई उनकी कृति सूर्यास्त प्रतिकात्मक रूप से उनकी कला यात्रा का अंतिम पड़ाव सिद्ध हुई ।
के वेंकटप्पा जो सोने की पत्ती के प्रयोग की पारस्परिक शैली मे प्रख्यात था । वेंकटप्पा के पिता मैसूर मे ही दरबार चित्रकार के पद पर कार्यरत थे। बाल्यकाल से ही उन्हे चित्रकला की शिक्षा दी गई ओर साथ –साथ वे अपने पिता को भी इसमे सहायता प्रदान करते थे । जो कृष्ण राजा वाड़िमार -4 के महल मे कार्यरत थे ।
वेंकटप्पा के चित्रो का विषय पौराणिक,ऐतिहासिक था।
के वेंकटप्पा के पूर्वज विजयनगर राज्य के दरबारी चित्रकार थे ।
के वेंकटप्पा बंगाल शैली का प्रचार –प्रसार मैसूर मे हुआ था ।
के वेकटप्पा के रंग विधान पर मुगल ,राजस्थानी शैलियो का प्रभाव था ।
के वेंकटप्पा कलाकार कृष्ण राय बोडियार के महल मे भित्ति चित्रण किया था ।
के वेंकटप्पा ललित कला अकादमी के फ़ेलो 1962 ई0 मे निर्वाचित किए गए ।
सन 1902 से 1908 ई0 तक आपने मैसूर के राजकीय औध्योगिक विद्यालय मे कला शिक्षा ग्रहण की ।
सन 1909 से 1916 ई0 तक मैसूर के महाराजा के प्रोत्साहन पर अपने गवर्नमेंट ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट ,कोलकाता से उच्च शिक्षा ली । यंहा अवनींद्रनाथ ठाकुर के शिष्यत्व मे वेंकटप्पा ने कुशलता पूर्वक कला अधय्य्न किया । यही पर नंदलाल बॉस उनके सहपाठी बने।
1910 ई0 मे लेडी हरींघम के साथ अजंता की गुफा चित्रो की अनुकृतिया तैयार की ।
वेंकटप्पा हाथी दाँत पर लघु चित्रो की रचना करने मे सिधस्त कलाकार थे । साथ मे प्राकृतिक दृश्यो के चित्रण मे भी सिधस्त थे ।
महाराजा के दो चित्र हाथी दाँत पर के.वेंकटप्पा ने बनाए थे ।
वेंकटप्पा की मूर्तिया मे सिद्धस्त कलाकार थे ।
- मणि बालक
- वीणा शेषन
- रविंदरनाथ ये आवक्ष बनाए ।
के वेंकटप्पा व्यक्ति चित्रण के लिए प्रसिद्ध थे ।
बंगाल का मंसूर के.वेंकटप्पा चित्रकार को कहा जाता है ।
मैसूर महाराजा के कहने पर वेंकटप्पा ने मैसूर महल मे अम्बा विलास हॉल मे चित्र बनाए ,
- हनुमान को मुद्रिका देते राम
- शिव तांडव
- शकुंतला की विदाई
- गुरु द्रोण
1962 मे ललित कला अकादमी नई दिल्ली ने इन्हे रत्न सदस्य चुनकर सम्मानित किया ।
वेंकटप्पा संगीत के प्रति रुझान होने के कारण वीणा वादन मे पागल नामक चित्राकृति बनाई ।
के वेंकटप्पा के प्रमुख चित्र –
- राम,सीता ओर स्वर्ण मृग
- राम द्वारा हनुमान को अंगूठी अर्पण
- राम तथा स्वर्ण मृग
- बुद्ध ओर शिष्य
- वीणा के मतवाली
- कोड़ाई कनाल
- उंटी (पर्यटक स्थल)
- ऊंटी ओर कोडई के नाल के प्राकृतिक दृश्य
- महाराणा प्रताप
- टीपू सुल्तान
- दमयंती
- महाशिवरात्रि
- शिष्यो के साथ बुद्ध
- शंकराचार्य
- मृत तृष्णा
- अर्द्ध नारीश्वर
- राधा
- 1910 मे बनाई उनकी कृति सूर्यास्त कला के क्षेत्र के अंतिम पड़ाव की थी ।
- के वेंकटप्पा किस रूप मे प्रसिद्ध थे ।
-लघु चित्रकार
- कोनसा चित्रकार हाथी दाँत पर लघु चित्रो की रचना करने मे सिधस्त था ।
-के वेंकटप्पा
- हाथी दाँत के फ़लक पर किसने कूच बिहारी महाराजा की दो शबीहे , अवनींद्रनाथ का व्यक्ति चित्र तथा एम0बी0 रामास्वामी का व्यक्ति चित्र बनाया
-के वेंकटप्पा
- किस कलाकार को ‘बंगाल का मंसूर’ कहाँ जाता है ।
-के वेंकटप्पा
- के वेंकटप्पा की प्रसिद्धि ओर किस रूप मे थी ।
-वीणा वादक
- के वेंकटप्पा के पूर्वज थे ।
-मैसूर राज्य के दरबारी चित्रकार (कोर्ट पेंटर)
- वर्ष 1909 से 1911 ई0 के मध्य अजंता के भित्तिचित्रों की अनुकृतिया तैयार करने मे लेडी हरींघम के दल मे अन्य चित्रकार के साथ ओर कौन शामिल थे ।
-के वेंकटप्पा
- वर्ष 1966 ई0 मे कर्नाटक सरकार ने किस कलाकार के नाम से बंगलुरु मे ‘वेंकटप्पा आर्ट गैलरी’ की स्थापना करने का फैसला किया ।
-के वेंकटप्पा
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