जोगीमारा की गुफा मौर्यकालीन गुफा 300 ईसापूर्व tgt,pgt,upsc व अन्य सरकारी नौकरी के लिए 2023 update

  आएये जानते है जोगीमारा गुफा का इतिहास

जोगीमारा की गुफा कहा स्थित है ?

स्थिति –

 जोगीमारा गुफा छत्तीसगढ़  राज्य के  सरगुजा जनपद  के  रामगढ़ पहाड़ियो मे अमरनाथ नामक स्थान पर स्थित है ।
जोगीमारा का समय 300 ईसापूर्व  डॉ  ब्लॉक ने  माना है

100 ईसापूर्व  सर जॉन मार्शल ने माना है प्रथम शताब्दी  ई . पू .  ( डॉ स्मिथ ) ने माना है

रायकृष्ण दास ने इसे जैन मंदिर कहा है

जोगीमारा की गुफा की खोज  डॉ  ब्लॉक  ने  1904 मे की थी।

जोगीमारा गुफा किस नदी पर स्थित है ?

जोगीमारा गुफा  नर्मदा नदी के उद्गम  स्थल  पर स्थित है

जोगीमारा गुफा को स्थानीय लोग  बंग्ला या बोंगरा  कहते है

इसको  10 वी शताब्दी  मे  डंडोर  तथा  रामायण काल  मे झारखंड कहा जाता है ।

इसकी माप – 10*6*6 फीट की है  सर्वाधिक  प्राचीन चित्र  जोगीमारा गुफा के ही माने जाते है  जोगीमारा गुफा को  पहले  एक सतनुका देवदासी का निवास स्थान समझा जाता  था ।  बाद मे प्राप्त शिलालेख  के अनुसार  यह अरुण देवता का  मंदिर था ,जैन  धर्म का इनकी कला पर प्रभाव पड़ा ।

सतनुका  देवदासी रंगशाला के रूपदक्ष  देवदीन से प्रेम मे थी नाट्यशाला के अधिकारियों के विरोध का कोपभजन होना पड़ा  फिर  इस वियोग मे अपना जीवन बिताना पड़ा  रूपदक्ष देवदीन  इस प्रेम प्रसंग को सीताबोंगरा  की भित्ति पर अभिलेख  के रूप मे सदेव के लिए अंकित करा दिया ।

जोगीमारा गुफा मे 7 या 8  चित्र  ही मिलते है वो भी छट पर बने है ,।

1914 मे  क्षेमेन्द्र्नाथ  ओर असित कुमार हल्दार  ने प्रतिलिपि तैयार की थी ।

सतनुका देवदासी  ने चित्रो का निर्माण किया था । जोगीमारा  गुफा के चित्रो  का रहस्य ये  है की असली  चित्रो के ऊपर सफ़ेद रंग पोतकर पुराने चित्रो को दुबारा  बनाने का प्रयास किया गया ।

 जोगीमारा गुफा के पास  अन्य गुफाये

1 सीता बोंगरा  लांगड़ा  गुफा ( एशिया की  अति प्राचीन  नाट्यशाला) सीता बोंगरा  के ही पास एक सुगम मार्ग है ,जिसे हाथी पोल कहते है । इसकी लंबाई लगभग 180 फीट  है इसका  प्रवेश द्वार  लगभग  55 फीट ऊंचा है ।  इसके अंदर से ही इस पार से उस पार तक  एक नाला बहता है  इस सुरंग  मे हाथी आसानी से आ जा सकता है इसीलिए इसे हाथी पोल कहा  जाता है । सुरंग के भीतर ही पहाड़ से रिसकर एव अन्य भोगोलिक  प्रभाव के  कारण एक शीतल जल का कुंड बना हुआ है ।

2 लक्ष्मण बोंगरा ( एक किवदंती के अनुसार लक्ष्मण  यंहा  वनवास के दोरान राम सीता  की रखवाली  करते थे ।)

3 वसिष्ठ  गुफा

4  कबीरा चौरा

5 पोरी देवरी

6  सिंह  द्वार

7 रावण  द्वार ( रावण , कुभकरण ,नर्तकियों की मूर्ति )

 जोगीमारा की गुफा  के चित्र

1 कमल  युक्त सरोवर

2 कुछ व्यक्ति पेड़ के नीचे वार्तालाप करते हुए

3 पुष्प के ऊपर  न्रत्य  करता हुआ युगल

4 अनुपात रहित  मनुष्य  जिसके सर पर चोंच है साथ  मे  पक्षी  बना है ।

5 न्रत्यांगना  गायक तथा नर्तको के झुंड मे बैठी हुए

6 प्राचीन ढंग का रथ

7 ग्रीक रथो के समान भवन बनाए गए है

क्षेमेन्द्र्नाथ ओर  असित कुमार हल्दार  ने 7 चित्रो को खंडित अवशेष  को उल्लेखित किया है ।

जोगीमारा  गुफा के चित्रांकन की विधि है ( दूसरे स्तर  के वर्तमान चित्र )

सफ़ेद प्रष्ठभूमि पर लाल से चित्र बनाए  गए है  सीमांकन (काले रंग )  हाशिये पीले रंग के है  जोगीमारा  गुफा की आकृतिया  बौनी या अनुपात हीन है ।

रचना शैली -भरहुत  ओर सांची से मेल खाती है । रामगढ़ की पहाड़ियो मे हर साल चैत्य रामनवमी एक मेले का आयोजन होता है  जोगीमारा गुफा का चित्रण विषय ग्राम्य जीवन  है

भारतीय पुरातत्व संग्रहलया  नई दिल्ली मे  जोगीमारा गुफा की  आकृतिया  संग्रहीत है ।

 

हमारी जानकारी आपको कैसी लगी कृपया कमेंट करके जरूर बताए

0 thoughts on “जोगीमारा की गुफा मौर्यकालीन गुफा 300 ईसापूर्व tgt,pgt,upsc व अन्य सरकारी नौकरी के लिए 2023 update”

Leave a Comment