नंदलाल बसु
- नंदलाल बसु का जन्म बिहार मे मुंगेर जिले मे हवेली खड़गपुर मे 3 सितंबर 1882 ई0 व कुछ ने 3 दिसंबर 1983 ई0 स्वीकृत की है ।
- मृत्यु 16 अप्रैल 1966 को हुई थी ।
- नंदलाल बसु के पिता का नाम पूर्णचन्द्र बसु था । तथा माता का नाम क्षेत्रमणी था ।
- इनके गुरु अवनीन्द्र नाथ टैगोर थे ।
- नंदलाल को अवनीन्द्र नाथ ने शिव सिद्ध कलाकार कहा । क्योंकि ये शिव के ज्यादा चित्र बनाते थे ।
- इनके पिता स्थापत्य शिल्पी थे ।
- जब ये 8 साल के थे । तब इनकी माता का निधन हो गया था ।
- राजकीय कला विध्यालय कलकत्ता मे प्रवेश लिया जब प्रिन्सिपल ई0वी0 हैवल थे वाइस प्रिन्सिपल अवनीन्द्र नाथ थे ।
- जब ये एडमिशन लेने गए थे तो ये महाश्वेता का चित्र ले गए थे इनकी चित्रकारी को हैवल ने पहचाना ।
- 1909/11 मे लेडी हरींघम की अधक्षता मे अजंता की अनुकृतिया बनाई ।
- भारत सरकार द्वारा पदम विभूषण 1954 मे मिला ।
- 1908 मे सती का देहत्याग चित्र पर इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरियंटल आर्ट ने नंदलाल बाबू को 500 रुपए के पुरुस्कार से सम्मानित किया ।
- 1917/18 मे इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरियंटल आर्ट मे शिक्षण कार्य किया साथ ही प्रिन्सिपल भी बने
- जापानी चित्रण विधि –ओंकाकुरा ओर हिशीदा का नामक जापानी चित्रकारों से सीखी ।
- 1921 मे इन्होने बाघ गुफा चित्रो की अनुकृतिया बनाई ।
- 1922 मे रवीन्द्रनाथ टैगोर ने नन्द बाबू को शांतिनिकेतन मे कला भवन का अध्यक्ष बना दिया ।
- 1924 मे रवीन्द्रनाथ के साथ चीन जापान बर्मा आदि देशो की यात्रा की यात्रा के दौरान यंहा की चित्र पद्धति का ज्ञान भी अर्जित किया ।
- 1937 मे फेजपुर कांग्रेस अधिवेशन के पंडाल सजाने का काम किया ।
- 1938 मे हिरापुर कांग्रेस अधिवेशन के लिए ग्रामीण परिवेश पोस्टर तैयार किया ।
- 1939 मे बड़ोदा के महाराजा के यंहा किर्ति मंदिर को गंगावतरण भित्ति चित्रण से सुसज्जित किया ।
- 1944 मे उनकी पुस्तक शिल्पकला रूपावली प्रकाशित की ।
- 1950 मे बनारस हिन्दू विश्वविध्यालय ने उन्हे ही डी लिट की उपाधि से सम्मानित किया ।
- 1952 मे विश्वभारती ने शैक्षिक जगत के सर्वोच्च सम्मान देशिकोत्रम से नवाजा गया ।
- 1957 मे कलकत्ता कला विध्यालय से D.LITT किया
- 1958 मे कलकत्ता ललित कला अकादमी ने रजत जयंती पदक दिया ।
- शांतिनिकेतन मे बाबू मोशाय / मास्टर मोशाय के नाम से जाने जाते थे ।
- 1965 मे एशियाटिक सोसाइटी ,कलकत्ता ने रवीन्द्र शताब्दी पद से सम्मानित किया गया ।
- विज्ञान मंदिर ,शांतिनिकेतन के पुरातन पुस्तकालय भवन एवं चीन भवन तथा बड़ोदा के किर्ति मंदिर मे भित्ति चित्रण टेक्निक से सुंदर संयोजन बनाए ।
- 1928 मे इटालियन पद्धति मे उन्होने दूल्हे की सवारी विशाल भित्ति चित्र बनाया ।
- चीन जापान आदि की यात्रा से उनकी कला पर वंहा का प्रभाव भी पड़ा जिसने उन्हे कला के मूल तत्व की खोज के लिए प्रेरित किया । इसी के आधार पर उन्होने कहा था की हम प्राणो के पुजारी है ।
- कथन हम प्राणो के पुजारी है।
- टच पद्धति (तूलिका स्पर्श ) से इन्होने 15 फिट लंबा पांडवो का हिमालय रोहण चित्र मात्र एक घंटे मे बनाया ।
- छापा कला – ज़्यादातर उभार सतह वूडकट ,लिनोकट मे ज्यादा कार्य किया ।
- छापा चित्र –गांधी जी की डांडी यात्रा
- नन्द बाबू के आरंभिक चित्रो पर अजंता का प्रभाव था । इसका अच्छा उदाहरण श्री कृष्ण अर्जुन चित्र है । निरंतर कला जगत सेवा करते हुए अंतिम क्षणो मे उन्होने 16 अप्रैल 1966 ई0 को संसार से विदा ली ।
- शांतिनिकेतन मे कारू संघ की स्थापना की
- रैफेल , माइक एंजिलों के चित्रो की अनुकृतिया भी नंदलाल ने बनाई थी ।
- ये पहले भारतीय चित्रकार जिनकी कलाकृतिया पर सर्वप्रथम रंगीन वृत चित्र (डॉक्यूमेंटरी) तैयार की ।
- उनके चित्रो के विषयो को निम्न प्रकार रखा जा सकता है ।
नंदलाल बसु के चित्र –
रामायण तथा महाभारत –
- श्री रामचन्द्र परिणय
- सती देहत्याग
- उमा का तप
- अहिल्योद्धार
- भीष्म प्रतिज्ञा
- शतरंज खेलते हुए कौरव –पांडव
- कृष्ण ओर अर्जुन
- कुरुक्षेत्र
- धृतराष्ट्र ओर गांधारी
धार्मिक पौराणिक –
- युद्ध ओर मेमना
- शिव का विषपान
- वीणा –वादिनी
- पार्थ सारथी
- गंगावतरण
- महिषासुर मर्दिनी
- दुर्गा
- मछुआरो के मध्य ईसा
ऐतिहासिक –
- पद्मिनी ओर भीम सिंह
- मीराबाई का जीवन
- राजग्रह
ऋतुए –
- पर्व तथा उत्सव –शीत काल मे पद्मा पर
- ग्रीष्म
- संध्या
- बसंत
- रात्रि
- तूफान
- पर्वत का कोहरा
- नटिर पुजा
राजनीतिक –
- भारतीय स्वतन्त्रता –आंदोलन से संबन्धित – महात्मा गांधी की डांडी यात्रा आदि ।
जन जीवन –
- ग्राम्य कुटी
- संथाल युवती
- चंडालिका
- दो महिलाए
- सारंगी वादन
- सपेरा
जीव जन्तु तथा वृक्ष वनस्पति
- जावा पुष्प
- जलता हुआ चीड़ का वृक्ष
- सिंह
- ऊँट
- लोमड़ी
- टिड्डा
- गुलदाउदी ओर सलेटी पक्षी
- भैंसो का झुंड
- अरहर का पौधा
- एक गधा
व्यक्ति चित्र –
- सी0 एफ0 एण्ड्र्युज
- के0 एन0 मजूमदार
- वीरेन गोस्वामी
- हीरे मुखर्जी
- अब्दुल गफ्फार खाँ
वन्य प्रकृति –
- हरमुख गंगोत्री
- पाशर्वनाथ पहाड़ी
जलीय दृश्य –
- जलाशय
- गंगा नदी मे नाव
- जलधारा मे मछलिया
- भारतीय चित्रकला को सम्मान दिलाने का श्रेय किसको है ।
-नंदलाल बोस
- नंदलाल बोस का नाम किस संस्था से जुड़ा है ।
-भवन , शांति निकेतन
- नंदलाल बोस द्वारा निर्मित ‘मीरा पैनल’ भित्ति चित्र किस स्थान पर बना है ।
-बड़ौदा
- पहले भारतीय कलाकार जिनकी कलाकृति पर सर्वप्रथम रंगीन वृत्त चित्र (डॉक्युमेंट्री) तैयार किया गया ।
-नंदलाल बोस
- ‘अभिसारिका’ (1936 ई0 टेम्परा माध्यम ) चित्र किसका है ।
-नंदलाल बोस
- ‘ढोलवादक’ (1937 कागज पर टेम्परा ) किसकी पेंटिंग है
-नंदलाल बोस
- प्रसिद्ध चित्र ‘कुरुक्षेत्र’ (1925) के चित्रकार है ।
-नंदलाल बोस
- बापुजी (1930 ) के चित्रकार है ।
-नंदलाल बोस
- नंदलाल बोस कहाँ के प्रथम अध्यक्ष बनाए गए थे ।
-कला भवन (शांति निकेतन)
- किसे 1923 ई0 मे कला भवन, शांति निकेतन का पूर्णरूपेण अध्यक्ष बना दिया गया ।
-नंदलाल बोस
- शिल्पकथा ,शिल्पचर्चा व रूपावली नामक पुस्तकों के रचयिता का नाम है ।
-नंदलाल बोस
- कण साफ करने वाले (हरिपुरा पैनल 1937 ई0 कागज पर टेम्परा ) के चित्रकार है ।
-नंदलाल बोस
- नंदलाल बोस ने सन 1928 ई0 मे इटैलियन म्यूरल तकनीक मे कौन सा विशाल भित्ति चित्र बनाया ।
-दूल्हे की सवारी
- रवीन्द्रनाथ टैगोर की किस पुस्तक का अलंकरण नंदलाल बॉस ने किया ।
-छायानिका
- ‘भारतीय संविधान की मूल पाण्डुलिपि’ का चित्रण किसने किया ।
-नंदलाल बोस ने (22 चित्र बनाए)
- नंदलाल बोस ने किन कलाकारो के चित्रो की अनुकृतिया बनाई ।
-राजा रवि वर्मा तथा रैफल
- ‘संथाल गर्ल’ (1919 ) किसकी पेंटिंग है ।
-नंदलाल बोस
- नंदलाल बोस के चित्रो की संख्या लगभग कितनी है ।
-10000 चित्र
- नंदलाल बोस दक्षिण भारत भ्रमण के पश्चात कोनसा चित्र बनाए थे ।
-कर्ण का सूर्य पूजन
- नंदलाल बोस ने नटी की पुजा ओर जलता देवदार नामक भित्ति चित्र कहाँ बनाया था ।
-शांति निकेतन कला भवन मे
- नंदलाल बोस ने धनुर्विध्या सिखाते द्रोणाचार्य नामक चित्र कब बनाया था ।
-1911 मे
- नंदलाल बोस ने पार्थ सारथी नामक चित्र कब बनाया था ।
-1912 ई0 मे ।
- नंदलाल बोस ने उषा की जल समाधि ओर शिव का विषपान नामक चित्र कब बनाया था ।
-1913 मे
- निवेदिता की पुस्तक ‘इंडियन मिथ ऑफ हिन्दू ओर बौद्ध’ का चित्रण किसने किया ।
-नंदलाल बोस
- मिथ्स एण्ड लिजेण्ड्स ऑफ हिंदुज एंड बुद्धिष्ट नामक पुस्तक को किन दो विद्वानो ने लिखा ओर सज्जा किया ।
-आनंद कुमार स्वामी ओर नंदलाल बोस