बाघ गुफा (बौद्ध कालीन 200 ईसा पूर्व से 600 ईशवी ) 2023 अपडेट

आइये आज हम बाघ गुफा के बारे मे जानेगे जो बेहद खूबसूरत ढंग से चट्टानों को तराशकर बनाई गयी है

बाघ गुफा कहाँ स्थित है ?

 स्थान   =  वर्तमान मे म्ध्यप्रदेश , धार  जिला मे इंदौर से लगभग  150 किलोमीटर की दूरी पर है |
बाघ की  गुफाये गुप्तकाल की श्रेष्ठतम उदाहरणो मे से एक  है |
बाघ गुफा को राष्ट्रीय स्मारक कब घोषित किया गया था?
*  1951 मे राष्ट्रिय  स्मारक घोषित किया गया |

बाघ की गुफाये किस नदी के किनारे स्थित है ?

बाघ गुफाये बाघिनि  नदी के किनारे स्थित है,

जो अजंता गुफा  से लगभग 400 किलोमिटर  की दूरी पर है | धार जिले से 81 किलोमिटर की दूरी पर है |

बाघ गुफा मे कुल 09 गुफाये है,  इस गुफा का नाम बाघ गाँव के नाम पर रखा गया है |

बाघ गुफा को अजंता की गुफा  संख्या 01,02  के समकालीन  माना जाता है  इन गुफाओ का  समय 626-628 ईस्वी है

नदी – नर्मदा  नदी की सहायक नदी बाघिनि के किनारे फैली विंध्याचल पर्वत श्रेणी मे 675 मिटर मे फैली है |

बाघ गुफा का प्राचीन नाम क्या था ?

प्राचीन नाम –

    कलायन (पुरातत्व  विभाग की 1929 वाली जीर्णोद्धार योजना  के समय पांडव गुफा  मे  प्राप्त  ताम्रपत्र  से ज्ञात  होता है |

स्थानीय  लोग-

     पंचपांडु कहते है 

बाघ गुफा की खोज किसने की थी ?

खोजकर्ता –

     1818 ई 0  मे लेफ्टिनेंट dainger फील्ड (बॉम्बे मिलिटरी establishment ) ने की थी |

*      इसका विवरण बम्बई के साहितयीक विनिमय संघ के द्वितया अंक को छपवाया  था |

*     इनके बाद डॉ  इम्पे ने भी इन गुफाओ का संक्षिप्त विवरण प्रकाशित किया |

*     1907-08  मे कर्नल सी ॰ ई॰  लियुवर्ड ने इस गुफा को देखा फिर मुंबई की ROYAL ASIATIC SOCIETY  मे एक निबंध लिखा |

 

                                                           

   बाघ गुफा का उद्देशय –

*     महायान    से  संबन्धित  | 

*     बौद्ध  धम्म  का मुखय  केंद्र  रहा है |

*     आवास हेतु , प्रवचन ,  श्रवण ,  के उद्देशय  से बनवाई गई थी |

 ( चित्रो की  अनुकृतिया  बनाने वाले कलाकार )

  (मुकुल चन्द्र डे  (1920) मे )

साथ मे अन्य कलाकार – 1 सुरेन्द्रनाथ 

2॰  A॰ B॰ भोसले 

3.  B॰ N॰ आपटे 

4.  M॰ S॰ भाँट 

5. श्री . B.B. जगपत 

    (नंदलाल  बसु , असित  कुमार हलदार  (1921) मे )

 

(बाघ  गुफा  का समय  निर्धारण )

 *     जुलूस  के चित्र  पर   ‘क ‘ अक्षर  हीरोंजी  रंग  से लिखा  मिला  है |

*     श्री M.V.  मेरडे  के अनुसार  6-7 वी .  शताब्दी 

*     विन्सेट स्मिथ  626 -628  बताया है |

 

बाघ गुफा मे कुल कितनी गुफाये है ?                          

 बाघ गुफा  मे कुल 9  गुफाये  है  

 जिनका  नामकरण है 

1.     गृह गुफा –  मट्ठाधारियों  का निवास  स्थान है |

2.     पंचगुफा  या  गुसाई गुफा 

3.      हाथीखाना 

4.     रंगमहल 

5.     पाठशाला (व्याख्यान मण्डल)

6.     शिक्षको का निवास स्थान 

     नोट ;   7,8,9 ( मार्ग  अवरुद्ध  है  इसीलिए  इनका  नाम पता नहीं चला 

 

                            ( बाघ गुफा के चित्र )

नोट ;      अधिकांश चित्र – चौथी  गुफा मे है 

चित्रो के नाम 

1. वियोग 

2. मंत्रणा 

3. देवपुरुषों का आकाश विचरण 

4. गायिकाए 

5. न्रत्यांगनाए 

6. शोभा यात्रा (यंहा  से ‘क ‘ अक्षर मिला है )

 

 
 
 

 * रंगो की शैली ( दो काल क्रम के परिचायक है )*     

 

     1 क्रम                                      2  क्रम 

      काले                                          लाल 

      सफ़ेद                                         पीला

      हीरोंजी                                       नीला 

 

*   5वीं  गुफा से मुर्गी  तथा चूजे का चित्र ( कार्ल  खंडालवाला ) ने प्रकाशित  करवाया  था |

*     रंगमहल  – बरामदे  मे  बने चित्र  45*6 फीट  साइज़  है 

*    रंगमहल  मे  पद्मसीन  बुद्ध  की प्रतिमा  प्राप्त  है |

*    चट्टानें  भुरभुरे  बलुआ  पत्थर  की है |

*    टेम्परा रंग है |

*    कुछ विधवान  के अनुसार अजंता श्रेष्ठ  आलेखन  है ||

*    इनकी  प्रतिलिपीय  गुजरी  महल संग्रहालय  गुवालियर  मे रखी गयी है |

*     सर्वाधिक उल्लास पूर्ण  जीवन का चित्रण सर्वाधिक लोकीक  गुफाये  बाघ की है |

*     नीले रंग का भी प्रयोग किया  गया |

*      2 स्थानो पर कदली व्रक्ष का भी अंकन है |

 

 

हमारी जानकारी आपको कैसी लगी कृपया कमेंट करके  जरूर बताए

 

 

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