आइये आज हम बाघ गुफा के बारे मे जानेगे जो बेहद खूबसूरत ढंग से चट्टानों को तराशकर बनाई गयी है
बाघ गुफा कहाँ स्थित है ?
बाघ की गुफाये गुप्तकाल की श्रेष्ठतम उदाहरणो मे से एक है |
बाघ गुफा को राष्ट्रीय स्मारक कब घोषित किया गया था?
* 1951 मे राष्ट्रिय स्मारक घोषित किया गया |
बाघ की गुफाये किस नदी के किनारे स्थित है ?
बाघ गुफाये बाघिनि नदी के किनारे स्थित है,
जो अजंता गुफा से लगभग 400 किलोमिटर की दूरी पर है | धार जिले से 81 किलोमिटर की दूरी पर है |
बाघ गुफा मे कुल 09 गुफाये है, इस गुफा का नाम बाघ गाँव के नाम पर रखा गया है |
बाघ गुफा को अजंता की गुफा संख्या 01,02 के समकालीन माना जाता है इन गुफाओ का समय 626-628 ईस्वी है
नदी – नर्मदा नदी की सहायक नदी बाघिनि के किनारे फैली विंध्याचल पर्वत श्रेणी मे 675 मिटर मे फैली है |
बाघ गुफा का प्राचीन नाम क्या था ?
प्राचीन नाम –
कलायन (पुरातत्व विभाग की 1929 वाली जीर्णोद्धार योजना के समय पांडव गुफा मे प्राप्त ताम्रपत्र से ज्ञात होता है |
स्थानीय लोग-
पंचपांडु कहते है
बाघ गुफा की खोज किसने की थी ?
खोजकर्ता –
1818 ई 0 मे लेफ्टिनेंट dainger फील्ड (बॉम्बे मिलिटरी establishment ) ने की थी |
* इसका विवरण बम्बई के साहितयीक विनिमय संघ के द्वितया अंक को छपवाया था |
* इनके बाद डॉ इम्पे ने भी इन गुफाओ का संक्षिप्त विवरण प्रकाशित किया |
* 1907-08 मे कर्नल सी ॰ ई॰ लियुवर्ड ने इस गुफा को देखा फिर मुंबई की ROYAL ASIATIC SOCIETY मे एक निबंध लिखा |
बाघ गुफा का उद्देशय –
* महायान से संबन्धित |
* बौद्ध धम्म का मुखय केंद्र रहा है |
* आवास हेतु , प्रवचन , श्रवण , के उद्देशय से बनवाई गई थी |
( चित्रो की अनुकृतिया बनाने वाले कलाकार )
(मुकुल चन्द्र डे (1920) मे )
साथ मे अन्य कलाकार – 1 सुरेन्द्रनाथ
2॰ A॰ B॰ भोसले
3. B॰ N॰ आपटे
4. M॰ S॰ भाँट
5. श्री . B.B. जगपत
(नंदलाल बसु , असित कुमार हलदार (1921) मे )
(बाघ गुफा का समय निर्धारण )
* जुलूस के चित्र पर ‘क ‘ अक्षर हीरोंजी रंग से लिखा मिला है |
* श्री M.V. मेरडे के अनुसार 6-7 वी . शताब्दी
* विन्सेट स्मिथ 626 -628 बताया है |
बाघ गुफा मे कुल कितनी गुफाये है ?
बाघ गुफा मे कुल 9 गुफाये है
1. गृह गुफा – मट्ठाधारियों का निवास स्थान है |
2. पंचगुफा या गुसाई गुफा
3. हाथीखाना
4. रंगमहल
5. पाठशाला (व्याख्यान मण्डल)
6. शिक्षको का निवास स्थान
नोट ; 7,8,9 ( मार्ग अवरुद्ध है इसीलिए इनका नाम पता नहीं चला
( बाघ गुफा के चित्र )
नोट ; अधिकांश चित्र – चौथी गुफा मे है
चित्रो के नाम
1. वियोग
2. मंत्रणा
3. देवपुरुषों का आकाश विचरण
4. गायिकाए
5. न्रत्यांगनाए
6. शोभा यात्रा (यंहा से ‘क ‘ अक्षर मिला है )
* रंगो की शैली ( दो काल क्रम के परिचायक है )*
1 क्रम 2 क्रम
काले लाल
सफ़ेद पीला
हीरोंजी नीला
* 5वीं गुफा से मुर्गी तथा चूजे का चित्र ( कार्ल खंडालवाला ) ने प्रकाशित करवाया था |
* रंगमहल – बरामदे मे बने चित्र 45*6 फीट साइज़ है
* रंगमहल मे पद्मसीन बुद्ध की प्रतिमा प्राप्त है |
* चट्टानें भुरभुरे बलुआ पत्थर की है |
* टेम्परा रंग है |
* कुछ विधवान के अनुसार अजंता श्रेष्ठ आलेखन है ||
* इनकी प्रतिलिपीय गुजरी महल संग्रहालय गुवालियर मे रखी गयी है |
* सर्वाधिक उल्लास पूर्ण जीवन का चित्रण सर्वाधिक लोकीक गुफाये बाघ की है |
* नीले रंग का भी प्रयोग किया गया |
* 2 स्थानो पर कदली व्रक्ष का भी अंकन है |
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