मुकुल चन्द्र डे

मुकुल चन्द्र डे

इनका जन्म  23 जुलाई  1895 को श्रीधरखोला बांग्लादेश मे हुआ था ।

1912 मे कला की शिक्षा ग्रहण करने के लिए शांतिनिकेतन मे कला भवन मे प्रवेश लिया था ।

आपको इस महाविध्यालय के प्रथम सत्र का छात्र रहने का सुअवसर प्राप्त हुआ  क्योंकि 1911 मे ही इस कला विध्यालय की स्थापना हुई थी । यंहा आपने असित कुमार नंदलाल बॉस के साथ शिक्षा ग्रहण की थी। यही नहीं आपको कवि रवीन्द्रनाथ टाइगोरोर कला गुरु अवनींद्रनाथ टैगोर के सानिध्य मे कार्य करने का भी अवसर प्राप्त हुआ ।

 

मुकुल चन्द्र डे पहले भारतीय कलाकार थे जो प्रिंट मेकिंग  कार्य का प्रशिक्षण लेने के  लिए विदेश गए ।

अमेरिका मे छापा कला चित्रण की अम्लांकन तकनीक से विशेष प्रभावित रहे ।

शिकागो सोसाइटी ऑफ एचर्स ले लाइफ ,मेम्बर रहे ।

1920 ई0 मे पुनः विदेश गए ओर एचिंग ओर engraving  का कार्य फेक शॉर्ट ओर मुइरहेड बोन से सीखा था ।

1921 मुकुल चन्द्र डे को अँग्रेजी सरकार से छात्रवृत्ति प्राप्त हुई जिससे वे लंदन गए । जहा आपने स्लेड स्कूल ऑफ फ़ाइन आर्ट से कला डिप्लोमा हासिल किया यही आप हेनरी टोकस के शिष्य रहे

 

ग्राफिक तकनीक उत्कृष्ट कृतियो मे

मुकुलचन्द्र डे की प्रमुख चित्रकृतिया –

  1. जलरंग –गंगास्नान
  2. पालदार नौकाए
  3. तर्पण

 

ग्राफिक तकनीक

एचिंग –

गाँव की कुमारी

अल्बर्ट आइंस्टीन

एनी बेसेंट

महात्मा गांधी

रवीन्द्रनाथ टैगोर

चाँदनी रात मे गंगा

अजंता की रह पर

सुब्रह्मण्यम

 

Dry point –

नृत्यरत लड़की

Dry point एचिंग के मार्ग निर्माता कहलाने वाले मुकुल चन्द्र डे अपने 60 वर्ष के व्यवसाय मे 100 कोपर प्लेट ओर 2000 चित्र ओर ड्राविंग्स का निर्माण किया । 1930 मे उनके 431 कालीघाट चित्र डबल्यू0 जी0 आर्चर द्वारा विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम के लिए प्राप्त किए गए । अजंता बाघ ,सिगिरिया ओर सिततनवासल के भित्ति चित्रो की प्रतिकृतियाँ ब्रिटिश म्यूजियम ओर जापान के द्वारा प्राप्त की गई ।

प्रदर्शिनिया –

मुकुल ने अपने चित्रो की प्रदर्शिनिया देश –विदेश के अनेक शहरो मे लगाई जिनमे प्रमुख रूप से टोक्यो (जापान ) ,पेरिस ।इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरियंटल आर्ट ,लंदन अमेरिका ,हौलेण्ड कोलकाता ,वाराणसी ,नागपुर आदि । सन 1929 मे प्रथम बार आपने अपने चित्रो की प्रदर्शिनी कोलकाता मे लगाई ।

कलात्मक परिवार –

मुकुल डे  के छोटे भाई मनीष डे भी प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप के सक्रिय सदस्य रहे । साथ ही दो बहने अन्नपूर्णा ओर रानी आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स मे निपुण थी । बेटी मंजरी की शादी बंगाल स्कूल के तेजस्वी कलाकार शान्तनु उकील से हुई । आपकी शादी वीना नि रॉय से हुई जो खानकुल बंगाल की थी ।

 

शिक्षण एवं अन्य पद –

सन 1929 मे मुकुल डे पर्सि ब्राउन के स्थान पर कोलकाता स्कूल ऑफ आर्ट के प्रथम भारतीय प्राचार्य बने ओर सन 1942 मे सेवानिवृत्त होने तक रहे । इसके उपरांत इंडियन म्यूजियम कोलकाता मे कला विभाग मे कीपर के पद पर भी कार्यरत रहे । वे राष्ट्रिय आधुनिक कला संग्रहालय नई दिल्ली मे क्यूरेटर के पद पर भी आसीन रहे । कोलकाता कला विध्यालय मे आपने यामिनीराय ओर रवीन्द्रनाथ टैगोर के चित्रो की प्रदर्शिनिया भी आयोजित की साथ ही महिलाओ के लिया अलग से यंहा पढ़ने का प्रावधान किया । इससे पूर्व केवल पुरुष ही यंहा पर पढ़ाई कर सकते थे ।

 

मुकुल चन्द्र डे से संबन्धित प्रश्न

  1. भारत मे ड्राइ पॉइंट एचिंग के अगुआ थे

-मुकुल चन्द्र डे

  1. मुकुल चन्द्र डे का विख्यात चित्र ‘तर्पण’ (वॉश एंड टेम्परा ) कहा सुरक्षित है ।

-राष्ट्रिय आधुनिक कला संग्रहालय नई दिल्ली

  1. वृक्षो व पुष्पो की शकुंतला को विदाई (कागज पर एचिंग ,संग्रह रहस्तरीय आधुनिक कला संग्रहालय ,नई दिल्ली ) कृति किसकी है ।

-मुकुल चन्द्र डे

  1. नई दिल्ली मे भित्ति चित्र सलाहकार समिति के सदस्य बने

-मुकुल चन्द्र डे

  1. 1956 मे राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय नई दिल्ली के दूसरे अध्यक्ष बनाए गए ।

-मुकुल चन्द्र डे

वर्ष 1987 ई0 मे रवीन्द्र भारती विश्वविध्यालय ने किसे ‘’ मानद डाक्ट्रेट ‘’ की उपाधि से –

  1. ‘एचिंग’ को भारत मे कला अभिव्यक्ति के रूप मे परिचित कराने वाले कलाकार के रूप मे जाने जाते है ।

-मुकुल चंद्र डे

  1. मुकुल चंद्र डे ने ‘एचिंग तकनीक’ की शिक्षा कहा से प्राप्त की

-अमेरिका  के शिकागो मे जेम्स ब्लेंडिंग स्लोन तथा बर्थ जैक्स के निर्देशन मे

  1. वह भारतीय कलाकार जो ‘शिकागो सोसाइटी ऑफ इचर्स के जीवन पर्यंत सदस्य रहे

-मुकुल चंद्र डे

  1. किसने सर्वप्रथम गवर्नमेंट स्कूल ऑफ आर्ट कोलकाता मे महिलाओ के लिए दाखिला आरंभ किया ।

-मुकुल चंद्र ड़े

  1. 1940 ई0 के दशक के उतरार्द्ध के दौरान किस भारतीय कलाकार ने बड़े पैमाने पर ‘सुरुल के टेराकोटा मंदिरो ‘ को फोटो खींची जिसे बाद मे ‘वीरभूमि टेराकोटा’ नामक एल्बम मे वर्ष 1959 ई0 मे ललित कला अकादमी नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया।

-मुकुल चन्द्र डे

 

 

 

Leave a Comment