राजा रवि वर्मा
राजा रवि वर्मा का जन्म 29 अप्रैल 1848 ई0 को त्रावणकोर के एक गाँव किलीमन्नूर (केरल )मे हुआ था ।
इनकी बचपन मे शिक्षा संस्कृत मे हुई थी । लेकिन इनकी चित्रकला के प्रति काफी रुचि थी । 14 वर्ष की उम्र मे ही एक सिधस्त कलाकार बन गए थे ।
विदेशी तकनीक को अपनाने वाले या तैल चित्रण को अपनाने वाले प्रथम भारतीय चित्रकार राजा रवि वर्मा थे ।
राजा रवि वर्मा को सर्वप्रथम गायकवाड सम्मान मिला था सन 1880 मे पुणे मे प्रदर्शिनी । यह सम्मान इन्हे नायर महिला को चमेली के हार से गूँथती हुई चित्र के लिए मिला ।
उनके चाचा को चित्रकला का बड़ा शौक था उन्ही के कारण रवि वर्मा की रुचि चित्रकला मे बढ़ी थी ।
राजा रवि वर्मा ने सर्वप्रथम शिक्षा अपने अलागिरी नायडू से कला की शिक्षा प्राप्त की बाद मे यूरोपीय तकनीक तैल पद्धति की शिक्षा थियोडोर जॉनसन से प्राप्त की थी । इन्होने तंजौर शैली की शिक्षा अपने चाचा श्री राम वर्मा से प्राप्त की थी ।
रवि वर्मा स्थानीय ब्रिटिश रेजीडेंट के संपर्क मे आए जिन्होने मद्रास मे सन 1873 ई0 मे हो रही चित्र प्रदर्शिनी मे भाग लेने हेतु रवि वर्मा को प्रोत्साहित किया ।
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1880 की पूना प्रदर्शिनी ओर 1892 की वियना तथा शिकागो की कला प्रदर्शिनी मे भी चित्रो की प्रशंसा हुई बड़ौदा तथा मैसूर के महाराजाओ ने भी अनेक चित्र बनवाए ।
सन 1894 मे सर माधवराव की सहायता से मुंबई (महाराष्ट्र ) मे लिथोप्रेस प्रिटिंग प्रैस मुम्बई केउपनगर घोटकोपर मे स्थापना की । उनके प्रत्येक चित्र भारतीय हिन्दू के घरो मे पहुँच गए ।
क्योंकिन ज्यादा चित्रो की मांग बढ़ने लगी थी ।
सर्वप्रथम स्वर्ग ओर नर्क दृश्यो का चित्रण किया था ।
राजा रवि वर्मा को चित्रकारों का राजकुमार कहा जाता है ।
ये प्रिंटिंग कलाकार माने जाते है ।
1880 पूना प्रदर्शिनी मे गायकवाड स्वर्ण पदक मिला ।
राजा रवि वर्मा के ऊपर एक फिल्म बनाई गई जिसका नाम रंग रसिया जो की केतन मेहता ने बनाई थी ।
देवी देवताओ का चित्रण तैल माध्यम से किया गया ।
1873 ई0 मे ड्यूक ऑफ बर्किंघम ने रवि वर्मा के चित्र खरीदे । ]
शकुंतला का दुष्यंत के नाम पत्र पहला पौराणिक चित्र है ।
राजा रवि वर्मा को यथार्थवादी कलाकारो की श्रेणी मे रखा गया है ।
महाराणा प्रताप की मुंछे राजा रवि वर्मा ने बनाई थी ।
वेषभूषा चित्रकला भारतीय तथा तकनीक यूरोपीय पद्धति की है ।
1901 मे उदयपुर के महाराणाओ के आगमन पर राजा रवि वर्मा ने महाराणा प्रताप के चित्र बनाए थे ।
सन 1904 मे ब्रिटिश सरकार ने राजा रवि वर्मा को केसर -ए -हिन्द की उपाधि से सम्मानित किया था ।
राजा रवि वर्मा ने मुद्रित चित्रो का एक आरंभिक स्तर निर्धारित किया ओर उसी के आधार पर भारतीय कैलेंडर कला का विकास हुआ है ।
सन 1905 मे मैसूर आगमन पर राजा रवि वर्मा ने प्रिंस ऑफ वेल्स व उसके लश्कर (दल ) के अनेकों चित्र बनाए ।
राजा रवि वर्मा राजकीय वंश के थे ।
त्रावणकोर के राज परिवार से संबन्धित थे ।
आरंभ मे तंजौर पद्धति से चित्र बनाते थे ।
1906 मे राजा रवि वर्मा की मृत्यु हो गई ।
राजा रवि वर्मा के प्रमुख चित्र-
- रावण की ओर जटायु
- राम समुन्द्र का मान भंग
- उषा व अनिरुद्ध
- शकुंतला का दुष्यंत का पत्र लेखन
- भीष्म प्रतिज्ञा
- राजा हरिश्चंद्र
- श्री कृष्ण ओर बलराम
- मत्स्यगंधी
- हंस दमयंती
- उदयपुर दुर्ग
- फल बेचने वाली
- सरबत बजाती हुई एक तमिल युवती
- मेनका
- कुलीन महिलाए
- सरस्वती
- द्रौपदी
- भिक्षुणी
- दूत के रूप मे कृष्ण
- सेवा निवृत्त सिपाही
- सागर
- चाँदनी रात
- उदयपुर का किला
- सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र
- महाराणा प्रताप
- हंस ओर महिला
- माँ ओर बच्चा
- दादा भाई नरौजी
- जलाशय
- गंगा शांतनु
- वामन अवतार
- गंगावतरण
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-राजवर्मा
- राजा रवि वर्मा के पत्नी का क्या नाम था ।
-पुरुरूत्ता त्रिनाल
- रवि वर्मा की बहन शबीह चित्रकार का क्या नाम था ।
-मंगला
- रवि वर्मा भारत मे सर्वप्रथम किस माध्यम से चित्रो को बनाया था ।
-टेम्परा रंग
- भारत मे पेस्टल रंग के जन्मदाता कौन है ।
-राजा रवि वर्मा
- ‘पार्वती स्वंयवरम’ किसके द्वारा लिखी गई पुस्तक है ।
-राजा रवि वर्मा की माता उमा अंबाबाई थपुरट्टि
- राजा रवि वर्मा के भाई थे ।
-गोड़ा वर्मा व सी0 राजा राज वर्मा
- राजा रवि वर्मा के भाई ‘सी0 राजा राज वर्मा’ किस रूप मे प्रसिद्ध थे ।
-आउटडोर पेंटर
- राजा रवि वर्मा का विवाह कब ओर किससे हुआ ।
-1866 ई0 मे 18 वर्ष की आयु मे मवेलिक्कारा के शाही घराने की 12 वर्षीय ‘भागीरथी बाई’ से
- राजा रवि वर्मा की कुल कितनी संताने थी ।
-राजा रवि वर्मा की पाँच संताने थी ,दो पुत्र व तीन पुत्री (पुत्र- केरला वर्मा ओर रामा वर्मा ,पुत्रियाँ – -महाप्रभा अम्मा ,उमा अम्मा ओर चेरिया अम्मा
- राजा रवि वर्मा के चित्रो का विषय किस नाटक मंडली से प्रेरित है ।
-पारसी नाटक मंडली
राजा रवि वर्मा किस वाद के कलाकार थे ।
-नव शास्त्रीयवाद
- भारत मे नव शास्त्रीयवाद का प्रारम्भ किसने किया था ।
-राजा रवि वर्मा
- किसने कहाँ की राजा रवि वर्मा के चित्रो मे काव्यात्मकता का अभाव है ।
-ई0वी0 हैवल
- यूरोपीय चित्रण पद्धति का धार्मिक चित्र सर्वप्रथम किस भारतीय चित्रकार ने बनाया था ।
-राजा रवि वर्मा
- प्रसिद्ध तैल चित्र ‘महाराष्ट्रीयन वूमेन’ (राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय ,नई दिल्ली )किसका है ।
-राजा रवि वर्मा
- राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय ,नई दिल्ली मे सुरक्षित राजा रवि वर्मा का चित्र ‘ए वूमेन होल्डिंग ए फ्रूट’ किस माध्यम मे है ।
-तैल माध्यम मे
- ‘हंस दमयंती’ (1899)ई0 , तैलरंग , श्री चित्रा आर्ट गैलरी , त्रिवेन्द्रम) के चित्रकार है ।
-राजा रवि वर्मा
- ‘वासुदेव ओर देवकी की रिहाई’ (ओलियोग्राफ) चित्र किसका है ।
-राजा रवि वर्मा
- ‘अभिमन्यु वध’ (ओलियोग्राफ) चित्र के चित्रकार है ।
-राजा रवि वर्मा
- राजा रवि वर्मा का प्रख्यात चित्र ‘लेडी इन मून लाइट’ (तैल) कहाँ सुरक्षित है ।
-राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय , नई दिल्ली
- ‘भिक्षाटन’ किसका चित्र है ।
-राजा रवि वर्मा
‘हरिश्चंद्र –तारामती (ओलिओयोग्राफ , 1898 ) किसका है ।
-राजा रवि वर्मा
8 अक्तूबर ,1996 ई0 को लंदन मे हुई चित्र नीलामी मे राजा रवि वर्मा का ‘ए वूमेन एन व्हाइट सारी’ चित्र कितने रुपये मे बिका था ।
-इक्कीस लाख पचास हजार मे
- उस अंग्रेज़ का नाम बताए जिसने राजा रवि वर्मा को भारतीय पौराणिक कथाओ ओर यूरोपीय कला को संयोजित करने का सुझाव दिया था ।
-लार्ड नेपियर ने
- विश्व की सबसे महंगी साड़ी जो बेशकीमती 12 रत्नो व धातुओ से जड़ी है जिसका मूल्य 40 लाख रुपये है किसके चित्रो की नकल से सुसज्जित है ।
-राजा रवि वर्मा
- लिथोग्राफी प्रेस लगाने मे राजा रवि वर्मा ने किन जर्मन विशेषज्ञो का सहयोग प्राप्त किया ।
-जिरचई तथा स्लेचर का
- किस कलाकार के चित्रो की प्रतिलिपि अधिकांश घरो मे पाई जाती है ।
-राजा रवि वर्मा
- राजा रवि वर्मा के चित्रो का सबसे बड़ा संग्रह कहाँ है ।
-श्री चित्रा आर्ट गैलरी ,त्रिवेन्द्रम (तत्पश्चात लक्ष्मी विलास पैलेस , वडोदरा) 43 चित्र है ।
- राजा रवि वर्मा द्वारा चित्रित ‘घोड़े मे मैसूर के राजा की 3 डी पेंटिंग कहाँ सुरक्षित है ।
-मैसूर महल मे
- वर्ष 2013 मे किस महान कलाकार के सम्मान मे बुध ग्रह पर स्थित एक क्रेटर का नाम ‘क्रेटर वर्मा’ कर दिया गया है ।
-राजा रवि वर्मा
- किसने कहाँ की राजा रवि वर्मा के चित्रो मे नाटकीयता दिखाई देता है ।
-A.K. स्वामी
- किसने रवि वर्मा के चित्रो को विक्टोरिया इंडियन शैली कहाँ था ।
-जया अप्पा स्वामी
- बड़ौदा के माधव निवास मे रवि वर्मा के कितने चित्र लगे है ।
-80 चित्र
- राजा रवि वर्मा की सर्वश्रेस्ठ कृतीया किस संग्रहालय मे रखी गई है ।
-प्रिंस वेल्स ऑफ म्यूजियम मे
- राजा रवि वर्मा के चित्रो का मूल्य क्या था ।
-20 रुपये