सतीश गुजराल
सतीश गुजराल का जन्म 25 दिसंबर 1925 ई0 को झेलम (अविभाजित पंजाब) लाहौर मे हुआ था ।
सतीश गुजराल के बड़े भाई का नाम इन्द्र कुमार गुजराल था जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे ।
सतीश गुजराल ने 13 वर्ष की उम्र मे अपनी श्रवण शक्ति को कश्मीर मे एक जर्जर पुल को पार करते वक्त नदी को धारा मे गिर जाने को वजह से खो दी थी ।
सतीश गुजराल को श्रवण शक्ति कितने वर्षो बाद वापस आ गई थी ।
1998 ई0 मे हुई सर्जरी के बाद (62 साल बाद ) मे ।
1944 से 1947 ई0 के मध्य सतीश गुजराल ने कला शिक्षा जे0जे0 स्कूल ऑफ आर्ट्स मुंबई से प्राप्त की थी
सतीश गुजराल शिमला स्कूल ऑफ आर्ट के अध्यापक थे ।
मेक्सिकन कवि ओक्टेवियोपाज ने भारतीय कलाकार सतीश गुजराल को मेक्सिको भेजा था
वर्ष 1939 से 1944 ई0 के मध्य सतीश गुजराल मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स लाहौर के छात्र रहे ।
1952 से 1954 ई0 के मध्य सतीश गुजराल म्यूरल की शिक्षा पलासियो डी बेलस आर्ट्स , मेक्सिको सिटी मे प्रसिद्ध भित्ति चित्रकार डिएगो रिवेरा व डेविड अल्फ़ारों सिकिओरोस से प्राप्त की थी ।
मैक्सिन कला से प्रभावित चित्रकार सतीश गुजराल थे ।
सतीश गुजराल कला प्रदर्शिनी न्यूयॉर्क , लंदन ,पेरिस मे आयोजित किए थे ।
सतीश गुजराल अपनी स्टुडियो नई दिल्ली मे खोले थे ।
लाला लाजपत राय, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, मिर्जा गालिब का चित्रण भारतीय कलाकार सतीश गुजराल ने किया था ।
सतीश गुजराल अमेरिका मे 10 प्रदर्शिनी किए थे ।
सतीश गुजराल को ‘ऑर्डर ऑफ क्राउन’ की उपाधि मिली थी ।
सतीश गुजराल सन 1954 ई0 मे प्रथम प्रदर्शिनी इंडिया हाउस मे किया था ।
भारत के राष्ट्रपति ने सतीश गुजराल को स्वर्ण पदक दिया था ।
सतीश गुजराल द्वारा 20 वीं सदी मे निर्मित नई दिल्ली मे स्थित बेल्जियम दूतावास को बेहतरीन इमारतों मे से एक के रूप मे आर्किटेक्ट के अंतराष्ट्रीय मंच द्वारा चुना गया था ।
1977 ई0 मे बेल्जियम सरकार द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ द क्राउन’ पुरुस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम गैर बेल्जियम नागरिक सतीश गुजराल थे।
वर्ष 1963 ई0 मे सतीश गुजराल वर्ल्ड ट्रेड फेयर न्यूयॉर्क के लिए म्यूरल बनाए थे ।
मिश्रित माध्यम मे निर्मित सतीश गुजराल की कलाकृति ‘गणेश’ राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय नई दिल्ली मे सुरक्षित है ।
देश विभाजन के पश्चात , भारत मे आए शरणार्थी कलाकार का नाम सतीश गुजराल है ।
सतीश गुजराल 2007 बीबीसी टेलीविज़न फिल्म ‘पार्टिशन: दी डे इंडिया बर्नर्ड’ का हिस्सा बने थे ।
सुजाता कुलश्रेष्ठ द्वारा सतीश गुजराल के जीवन पर बनाई गई 24 मिनट की एक डॉक्युमेंट्री फिल्म 15 फरवरी ,2012 को रिलीज ही थी ।
सतीश गुजराल नवतान्त्रिक तथा अभिव्यंजनवादी थे ।
सतीश गुजराल चित्रकार , वास्तुकार, भित्ति चित्रकार (म्यूरलिस्ट ) एवं ग्राफिक डिजाइनर मे प्रसिद्ध थे।
सतीश गुजराल एक वास्तुकार थे ।
सतीश गुजराल की सर्वाधिक प्रसिद्दि भित्ति चित्रकार (म्यूरलिस्ट) के रूप मे है ।
महात्मा गांधी संस्थान, मॉरीशस मे सतीश गुजराल ने म्यूरल बनाए थे ।
प्रख्यात चित्र ‘विलाप’ का चित्रकार सतीश गुजराल है ।
सतीश गुजराल की कृति ‘कंस्ट्रक्सन’ (1973 ई0 स्टील तथा मिश्रित माध्यम ) ललित कला अकादमी, नई दिल्ली के संग्रह मे है ।
सतीश गुजराल को 1999 ई0 मे पदम विभूषण प्रदान किया गया ।
कोलाज चित्रण-
कोलाज चित्रण सतीश गुजराल का सबसे प्रिय माध्यम रहा है । गुजराल कागजो को फाड़कर भिन्न-भिन्न प्रकार से चिपकाते है , जिसके पीछे की सुनियोजित प्लानिंग नहीं रहती ।
मोनोग्राफ –
सतीश गुजराल की कलात्मक उपलब्धियों पर राष्ट्रीय ललित कला अकादमी ,नई दिल्ली ने एक ‘मोनोग्राफ’ प्रकाशित किया है , जिसमे उनके अनेक चित्रो की प्रतिकृतिया भी प्रकाशित की गई।
चित्र ‘रिवोल्यूशन’ ओर ‘स्नेअर’ ऑफ मेमोरी (1952-59) सतीश गुजराल की है ।
‘प्लेमेट्स’ (एक्रेलिक) कृति के कलाकार सतीश गुजराल थे ।
‘क़व्वाल शृंखला’ (1997) ओर ‘द सेलेब्रेशन शृंखला’ सतीश गुजराल का है ।
सतीश गुजराल की मूर्ति ‘शक्ति एंड गणेश’ (1977-81) पर आदिवासी कला का प्रभाव है ।
सतीश गुजराल के चित्रो का संग्रह-
नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट ,अनई दिल्ली, पंजाब संग्रहालय, चंडीगढ़,डेविस, कोपेनहावेन, लॉस एंजलिस , मैक्सिको, न्यूयॉर्क, पिट्सबर्ग, स्टॉकहोम, वाशिंगटन, लंदन असम, वी0 के0 नेहरू, नई दिल्ली एवं अन्य प्रमुख व्यक्तियों के संग्रहों मे संग्रहीत है ।
सतीश गुजराल के प्रसिद्ध चित्र –
- तूफान के तिनके
- तिरस्कार
- मैक्सिकन नारी
- शक्ति गणेश
- परिवार
- आदमी सेलिब्रेशन
- काला चाँद
- विलाप
- हार्स (मूर्ति )
- मॉर्निंग
- मेडिटेशन (मूर्ति)
- आँधी मे अनाथ
- जश्ने आजादी
- संस्कृति
- मोहनजोदड़ों
- कृष्ण मेनन
- आत्महत्या के पूर्व
- दर्द का मसीहा
- स्मृतियो का जाल
- दोपहरी का अँधियारा