सुधीर रंजन खास्तगीर
सुधीर रंजन खास्तगीर 1907-1974
सुधीर रंजन खास्तगीर का जन्म 24 सितंबर 1907 ई0 को चिटगांव (वर्तमान मे बांग्लादेश का एक शहर) मे हुआ था ।
सुधीर रंजन खास्तगीर के पिता का नाम सत्य रंजन खास्तगीर था ।
सुधीर रंजन खास्तगीर बंगाल शैली के कलाकार थे ।
सुधीर रंजन खास्तगीर ने शांति निकेतन, सिंधिया स्कूल ग्वालियर, दून स्कूल देहरादून, लखनऊ आर्ट स्कूल मे शिक्षण कार्य किया था ।
सुधीर रंजन खास्तगीर के पूर्वजो को मुगलो ने खास्तगीर की उपाधि दी थी ।
सुधीर रंजन खास्तगीर अवनींद्रनाथ टैगोर व तत्पश्चात नंदलाल बॉस के शिष्य थे ।
कला के विषय मे परास्नातक डिग्री प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय कलाकार सुधीर रंजन खास्तगीर थे
सुधीर रंजन खास्तगीर दून स्कूल, देहरादून के प्रथम कला शिक्षक नियुक्त किए गए
उत्तराखंड मे दून स्कूल, देहरादून की स्थापना सतीश रंजन दास ने 1935 ई0 मे की थी ।
सुधीर रंजन खास्तगीर मुख्यतः मूर्तिकार गौणतः चित्रकार के रूप मे जाने जाते है ।
वर्ष 1937 ई0 मे सुधीर रंजन खास्तगीर ने कांस्य ढलाई की शिक्षा इंग्लैंड मे एरिक गिल से ली थी ।
वर्ष 1934 ई0 मे सुधीर रंजन खास्तगीर के चित्रो की प्रथम प्रदर्शिनी इंडिया सोसाइटी लंदन मे आयोजित की गई ।
सुधीर रंजन खास्तगीर की सर्वश्रेष्ठ मूर्तिशिल्प डोटर ऑफ द स्वौयल जिसे मद्रास फ़ाइन आर्ट्स सोसाइटी की प्रदर्शिनी मे मूर्तिकला के लिए पहला पुरुस्कार दिया गया ।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुधीर खास्तगीर को गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स लखनऊ मे प्राचार्य के पद पर 1956 ई0 मे आमंत्रित किया ।
गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट, लखनऊ मे सुधीर रंजन खास्तगीर के प्रमुख शिष्यो मे थे – मदनलाल नागर,रणवीर सिंह बिष्ट, अवतार सिंह पँवार
वर्ष 1957 ई0 मे भारत सरकार द्वारा पदमश्री पुरुस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम कलाकार सुधीर रंजन खास्तगीर थे ।
बाउल डांस चित्र सुधीर रंजन खास्तगीर का है ।
सुधीर रंजन खास्तगीर बांसुरी बजाते थे ।
सुधीर रंजन खास्तगीर को लोक कला जीवन का कलाकार कहाँ जाता है ।
रवीन्द्रनाथ टैगोर की मुख्यकृति को सुधीर रंजन खास्तगीर ने बार-बार अंकित किया था।
विश्राम (कागज पर टेम्परा , संग्रह :आधुनिक कला संग्रहालय,नई दिल्ली ) चित्र सुधीर रंजन खास्तगीर का है ।
लीनों माध्यम मे बना टोरसों चित्र सुधीर रंजन खास्तगीर का है ।
सुधीर रंजन खास्तगीर के मूर्तिशिल्पों पर यूरोपीय कलाकार रोंदा का प्रभाव है ।
सुधीर रंजन खास्तगीर की प्रदर्शिनिया –
- 1934 ई0 मे दून स्कूल के छात्रो के साथ समूह प्रदर्शिनी
- 1937 ई0 मे एकल प्रदर्शिनी इंडिया हाउस लंदन मे
- 1937 मे ही इलाहाबाद मे
- 1941 ई0 मे एकल प्रदर्शिनी पंजाब लिट्रेसी लीग द्वारा लाहौर मे
- 1943 ई0 मे एकल प्रदर्शनी यंग मेनस क्रिश्चन एसोसिएशन मैसेय होल
- 1945 ई0 मे एकल प्रदर्शिनी , कामा ओरियंटल इंस्टीट्यूट हॉल मुंबई
- 1947 ई0 मे एकल प्रदर्शिनी रॉयल इंडियन सोसाइटी , इम्पीरियल साउथ कैनिस्गटन
- 1948 ई0 मे एकल प्रदर्शिनी कला भवन शांति निकेतन
- 1952 एकल प्रदर्शिनी एकेडमी ऑफ फ़ाइन आर्ट कोलकाता
- 1953 ई0 मे एकल प्रदर्शिनी मसूरी
- 1953 ई0 मे धूमीमल कला दीर्घा, नई दिल्ली
- 1953 ई0 मे एकेडमी सैलून इंडियन म्यूजियम कोलकाता
- 1954 ई0 मे एकल प्रदर्शिनी बुरनपपोर, पश्चिम बंगाल
- 1954 ई0 मे समूह प्रदर्शिनी प्रभात नियोगी ओर विनोद बिहारी मुखर्जी के साथ मसूरी ।
सुधीर रंजन खास्तगीर के चित्रो का संग्रह –
- लखनऊ संग्रहालय
- इलाहाबाद संग्रहालय
- कोलकाता संग्रहालय
- राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय नई दिल्ली
मृत्यु –
सुधीर रंजन खास्तगीर की मृत्यु लंबी बीमारी के चलते 27 मई, 1974 को 66 वर्ष की आयु मे कोलकाता, पश्चिम बंगाल मे हुई थी ।
सुधीर रंजन खास्तगीर के लखनऊ के शिष्य –
- मदन लाल नागर
- रणवीर सिंह बिष्ट
- अवतार सिंह पँवार
सुधीर रंजन खास्तगीर के प्रसिद्ध मूर्तिशिल्प –
- भूख (प्लास्टर संग्रह : राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली )
- विंटर
- माँ ओर शिशु
- डोटर ऑफ द स्वौयल
सुधीर रंजन खास्तगीर के चित्र –
- लय
- माँ ओर शिशु
- बसंत
- अमतास पर कौवे
- भिक्षुणी
- तालाब से वापसी
- नग्नालय
- दीपावली
- तूफान मे यात्रा
- विधवा
- प्रतिज्ञा
- गुरुदेव ओर बापू
- रवीन्द्रनाथ टैगोर
- आत्म विस्मृत
- अधिक अन्न उपजाऊ
- बाउल डांस
- विश्राम