तैयब मेहता
तैयब मेहता का जन्म 26 जुलाई 1925 ई0 को गुजरात के खेड़ा जिले के कपाड़वंज गाँव मे हुआ था ।
तैयब मेहता ने अपने कैरियर की शुरुआत मुंबई के प्रसिद्ध टेरडो फिल्म स्टुडियो मे बतौर फिल्म एडिटर से की ।
तैयब मेहता ने चित्रकारी मे रुचि होने के कारण कला मे डिप्लोमा सर जे0 जे0 स्कूल ऑफ आर्ट्स मुंबई से प्राप्त किया ।
1968 ई0 मे तैयब मेहता को उनके चित्र गिरते हुए शरीर के लिए प्रथम त्रिनाले नई दिल्ली का स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ ।
फिल्म कुदाल को तैयब मेहता ने मुंबई के बांद्रा स्थित कत्लघर मे फिल्माया था ।
1970 ई0 मे तैयब मेहता ने 16 मिनट की लघु फिल्म कुदाल बनाई थी ।
तैयब मेहता की फिल्म कुदाल को 1970 ई0 मे फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड् मिला ।
तैयब मेहता को मध्य प्रदेश सरकार का कालीदास सम्मान 1988ई0 मे प्राप्त हुआ था ।
रिकशेवाला (2002 ई0 कैनवास पर एक्रेलिक ) तैयब मेहता का चित्र है ।
डायग्नाल शृंखला (1972 ई0 तैल संग्रह ललित कला अकादमी ) के कलाकार तैयब मेहता है ।
तैयब मेहता की फालिंग फिगर या अधोगामी आकृति (1965,कैनवास पर तैल रंग) कृति राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय नई दिल्ली मे सुरक्षित है ।
तैयब मेहता फ्रांसीसी अंग्रेज़ कलाकार से प्रभावित थे ।
1965 मे ही ललित कला अकादमी का एक औरत का शरीर पर स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ था ।
2004 मे महाराष्ट्र सरकार ने मानपत्र से उनका सम्मान किया ।
सेलिब्रेशन ट्रिप्टिज को एक्रेलिक मे चित्रित करने वाले चित्रकार का नाम तैयब मेहता है ।
तैयब मेहता चित्रकार ने महिषासुर चित्र शृंखला चित्रित किया था ।
तैयब मेहता की प्रसिद्ध पेंटिंग सेलिब्रेशन को वर्ष 2002 मे हुए क्रिस्टी की निलामी मे कुल 1.5 करोड़ रुपये मे बेची थी ।
मई 2005 मे तैयब मेहता की पेंटिंग काली सैफ़्रोनार्ट (भारतीय निलामी घर ) की ऑनलाइन नीलामी मे 1 करोड़ रुपये (230,000 अमेरिकी डॉलर )मे नीलाम हुई ।
दिसंबर 2005 मे आशियाना की नीलामी मे तैयब मेहता की पेंटिंग गेश्चर को 3.1 करोड़ बोली लगाकर रंजीत मल्कानी ने खरीदा था ।
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय , नई दिल्ली मे सुरक्षित विकर्ण या डायगोनल (1973 कैनवास पर तैल रंग चित्र ) तैयब मेहता का है ।
डायगोनल सीरीज (चित्र शृंखला) ओर फालिंग फिगर्स के लिए प्रसिद्ध चित्रकार तैयब मेहता है ।
तैयब मेहता को भारत सरकार का पदमभूषण पुरुस्कार 2007 मे प्राप्त हुआ था ।
तैयब मेहता का निधन 2 जुलाई 2009 को मुंबई मे 83 वर्ष की आयु मे हुआ था ।
तैयब मेहता अभिव्यंजनवादी कलाकार थे ।
तैयब मेहता पर ब्रिटिश चित्रकार डेविड होक्नी का प्रभाव था ।
तैयब मेहता भारतीय चित्रकार की पेंटिंग काली जून 2018 मे एक नीलामी मे रिकार्ड 26.4 करोड़ मे बिकी थी ।
तैयब मेहता ने बहुत सी एकल ओर सामूहिक प्रदर्शिनिया की । उन्होने कुछ बड़ी अंतराष्ट्रीय प्रदर्शिनीयों मे भी भाग लिया , उनमे से प्रमुख है –
ब्रिटेन मे सन 1982 मे भारत महोत्सव के दौरान आयोजित प्रदर्शिनी ,मॉडर्न इंडियन पेंटिंग ,हिरसोंन म्यूजियम, वाशिंगटन डीसी (1982 )कंटेम्परेरी इंडियन आर्ट
ग्रे आर्ट गैलरी (1986) न्यूयॉर्क आर्ट ऑफ इंडिया , द हरविट्ज कलेक्शन वार्केस्टर आर्ट म्यूजियम , यू0एस0ए0 (1987) ओर इंडियन पेंटिंग एट गैलरी दे मोन्डे दे , पेरिस (1984)।
तैयब मेहता के प्रसिद्ध चित्र
- सेलिब्रेशन
- काली
- महिषासुर
- रिक्शावाला
- संथालों का बसंत उत्सव
- गिरते हुए शरीर
- एक औरत का शरीर
- बकरी को दुलारता हुआ महिला का हाथ
- विकर्ण
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